
रायपुर. पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे हमले, मंदिरों को तोड़ने और लड़कियों के अपहरण के खिलाफ चल रहा धरना शुक्रवार को लड़ाई का मैदान बन गया। भारत के बंटवारे को लेकर पं. नेहरू व गांधी जी को जिम्मेदार बताने के हिंदू कार्यकर्ता और कांग्रेसी आपस में भिड़ गए। दोनों ओर से कार्यकर्ताओं और नेताओं ने एक-दूसरे का कॉलर पकड़ लिया और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस पर सिंधी समाज के संत ने मंच से सबको शांत कराया।
दरअसल, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं को सरकारी संरक्षण में निशाना बनाए जाने के खिलाफ सर्व सिंधी समाज की ओर से शुक्रवार को एक दिवसीय धरने का आयोजन किया गया था। प्रदेश स्तरीय इस धरने में विभिन्न समाज के लोगों के साथ ही पूर्व मंत्री, विधायक, पार्षद और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता भी पहुंचे थे। सभी हाथों में काली पट्टी बांधकर आए। धरना शांतिपूर्ण चल रहा था और सभी अपनी बात रख रहे थे।
बताया जा रहा है कि इस दौरान आरएसएस से जुड़े घनश्याम चौधरी ने मंच से भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के लिए पं. जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी को दोषी बताया। इस बात पर पार्षद अजीत कुकरेजा और आनंद कुकरेजा ने चौधरी का विरोध किया। बावजूद इसके चौधरी नहीं माने और फिर हालातों के लिए 70 साल के कांग्रेस शासन को जिम्मेदार बता दिया। इसके बाद मंच पर बैठे रायपुर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक सत्य नारायण शर्मा भड़क गए।
इसके साथ ही हंगामा शुरू हो गया। चौधरी का कॉलर पकड़ लिया गया। थोड़ी ही देर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की होने लगी। यह सब देखकर संतों ने लोगों से शांत होने की अपील की। वहीं हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और लोगों को शांत कराने का प्रयास करने लगी। इन सबके बीच विधायक सत्यनारायण शर्मा चले गए और लोग भी शांत हो गए।