
भिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा बीएसएफ कि 21 वीं बटालियन के जवानों और अधिकारियों को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा रक्षाबंधन के पावन अवसर पर सभी को रक्षा सूत्र बांधा गया इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी चितरेखा दीदी ने रक्षा बंधन पर्व के बारे में बताते हुए कहा कि आज वर्तमान में सर्व का रक्षक परमात्मा ही सभी की रक्षा कर सकते हैं। आपने आगे कहा कि रक्षाबन्धन के अर्थ को समझने के लिए सबसे पहले यह समझना होगा कि रक्षा की जरूरत किसे है और उसे किससे रक्षा चाहिए ? सभी बुराइयों के पीछे काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार में से कोई न कोई विकार अवश्य ही छिपा हुआ होता है।
यह बुराईयाँ ही मनुष्य को दु:खी और अशान्त करती हैं। इसलिए इन मनोविकारों से आत्मा की रक्षा की जरूरत है। श्रेष्ठ कर्म ही हमारे रक्षक होते हैं। मनुष्य के विचारों का प्रभाव उसके कर्मों पर पड़ता है। इस प्रकार विचार श्रेष्ठ होने से हमारे कर्मों में भी श्रेष्ठता आने लगती है।
ब्रह्माकुमारी इंदु बहन ने तिलक और मिठाई की महिमा बताते हुए कहा कि तिलक माना विजय की निशानी और मस्तक पर तिलक अविनाशी आत्मिक शक्ति का प्रतीक है तथा मिठाई खाने से मुंह मीठा होता है अर्थात सदैव हमारे मुख से मीठे बोल सर्व के लिए निकले। सभी को राजयोग का अभ्यास कराया गया।