बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता कल्याण सिंह की मुसीबत बढ़ गई है. उन पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप है. स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को 27 सितंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े आपराधिक साजिश के मामले में पेश होने का आदेश दिया है.
जब वो राजस्थान के राज्यपाल थे, तो उनको संवैधानिक पद पर होने के नाते इस मामले में छूट मिली हुई थी, लेकिन अब वो राज्यपाल के पद से हट चुके हैं. इससे पहले भी कोर्ट ने सीबीआई से कल्याण सिंह को राजस्थान के राज्यपाल पद से हटने के बाद आरोपी के तौर पर पेश करने के लिए कहा था.
दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को कार्यकाल के दौरान आपराधिक और दीवानी मामलों से छूट मिली है. अनुच्छेद 361 के मुताबिक कोई भी अदालत किसी भी मामले में राष्ट्रपति या राज्यपाल को समन जारी नहीं कर सकती है.
बाबरी विध्वंस मामले में कल्याण सिंह के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था, जिसके मुताबिक कल्याण सिंह ने यूपी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान राष्ट्रीय एकता परिषद को आश्वासन दिया था कि वो विवादित ढांचे को ढहाने नहीं देंगे. सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कल्याण सिंह ने केंद्रीय बल का इस्तेमाल करने का आदेश नहीं दिया था. इसके बाद विशेष अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया कल्याण सिंह आपराधिक साजिश में शामिल थे.
वहीं, 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक साजिश के मामले की सुनवाई फिर से करने का आदेश दिया था.