रायपुर। बहुचर्चित नान घोटाले में ईओडब्लू ने आज एकाउंट आफिसर चिंतामणि चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया। खबर है, ईओडब्लू ने कल दुर्ग से उन्हें हिरासत में लिया था। अभी राजधानी के किसी गुप्त ठिकाने में चिंतामणि से पूछताछ की जा रही है। संकेत हैं, शाम तक ईओडब्लू इसका खुलासा करेगा।
36 हजार करोड़ का नान घोटाला जब उजागर हुआ था, चिंतामणि नान के रायपुर आफिस में एकाउंट आफिसर थे। नान की चर्चित लाल डायरी में चिंतामणि का नाम कोड वर्ड में कई जगह सीएम साहब लिखा हुआ था। सीएम साहब को इस डेट में इतना पैसा दिया गया तो इस तारीख को इतना। नान के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट ने दो रोज पहिले जो शपथ पत्र दिया, उसमें भी चिंतामणि का जिक्र था।
नान मामले की एसआइटी गठित होने के बाद ईओडब्लू की टीम ने सबसे पहले चिंतामणि के ठिकानों पर दबिश देकर बड़े पैमाने पर अवैध संपति का पर्दाफाश किया था। रायपुर, दुर्ग, कांकेर से लेकर बंगलोर तक में चिंतामणि के नाम से प्लाट और मकान मिले थे।
हालांकि, मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से एसआइटी के अधिकारी इस चिंतामणि की गिरफ्तारी की पुष्टि करने से बच रहे हैं। मगर सीनियर आफिसर ने यह जरूर माना कि चिंतामणि को दुर्ग से रायपुर लाया गया है। और, उससे पूछताछ चल रही है। बताते हैं, एसआइटी के अफसर आज सुबह छह बजे चिंतामणि के दुर्ग स्थित घर पहुंचे थे। दरवाजा खटखटाने पर पहले तो चिंतामणि ने दरवाजा नहीं खोला। मगर बाद में जब काफी शोर होने लगा तो चिंतामणि की पत्नी ने दरवाजा खोला। चिंतामणि का लेकर एसआइटी रायपुर के लिए निकल आई।
नान घोटाले में शिवशंकर भट्ट ने शपथ पत्र देकर पूर्व सीएम रमन सिंह, खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले, नान के पूर्व एमडी और रिटायर आईएफएस अधिकारी कौशलेंद्र सिंह का नाम लेते हुए उन्हें नान कांड का मुख्य षडयंत्रकारी बताया था।
बड़ी खबर: नान घोटाले में दुर्ग से पहली गिरफ्तारी, सुबह-सुबह SIT ने दी थी दबिश…
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