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नारायणपुर. छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में शनिवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए । जवानों ने उनके ट्रेनिंग कैंप को भी ध्वस्त कर दिया । हालांकि, मुठभेड़ में डीआरजी के दो जवान भी घायल हुए । इनमें से एक जवान राजू नेताम रविवार को शहीद हो गए । अन्य घायल जवान सोमारू गोटा का इलाज रायपुर के अस्पताल में किया जा रहा है । सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ में नक्सल कैंप ध्वस्त किया बड़ी तादाद में नक्सल सामग्री बरामद की गई है ।
- अबूझमाड़ के ओरक्षा इलाके में नक्सलियों के मूवमेंट की जानकारी मिली थी। यह भी पता चला था कि नक्सली वहां पर ट्रेनिंग कैंप चला रहे हैं। इसके बाद जवान शुक्रवार रात सर्चिंग पर निकले थे। सुबह होते ही जवान अंदर दाखिल हुए और नक्सलियों पर हमला बोल दिया।
- सुबह करीब 8.30 बजे शुरू हुई मुठभेड़ के दौरान डीआरजी के जवानों ने ओरछा से करीब 20 किमी अंदर धुरबेड़ा में चल रहे नक्सल कैंप को भी घेर लिया। फायरिंग के बाद मारे गए नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
- मौके से बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए हैं। यहां से सुरक्षा बलों ने तीर बम, बंदूकें, वायरलेस सेट जैसी चीजें जब्त की हैं । डीजी डीएम अवस्थी ने बताया कि बड़ा नक्सली कैंप था। जिस इलाके में कैंप था, उसे नक्सली बेहद सुरक्षित मानते हैं। उन्होंने कहा कि माओवाद के गढ़ तक जवान पहुंच रहे हैं। जवानों के वहां पहुंचने से माओवादियों को करारा नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। यह माढ़ एरिया कमेटी का ट्रेनिंग कैंप था। नक्सलियों के पास मिले हथियारों में तीर बम भी शामिल है । इसमें तीर के नुकीले मुहाने पर विस्फोटक लगा होता है । जैसे ही ये निशाने से टकराता है ब्लास्ट होता है । यह हैंडग्रेनेट की तरह काम करता है। इसे लॉन्च तीर की तरह धनुष से ही किया जाता है । इस तरह के बमों का इस्तेमाल हॉलीवुड फिल्म रैम्बो में भी दिखाया गया था। इससे पहले भेज्जी के पास साल 2017 में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हुए हमले में इस तरह के तीर बम का नक्सलियों ने उपयोग किया था । इन्हें रैम्बो स्टाइल एयरो बम नाम दिया गया । बुरकापाल इलाके से भी ऐसे तीर बरामद हुए थे ।