
रायपुर . राज्यपाल अनुसुइया उइके बस्तर के लोगों, जनप्रतिनिधियों और ्फसरों से चर्चा कर नक्सल समस्या के समाधान के लिए सरकार को सिफारिश देंगी। इसके लिन ए वह जल्द ही राजभवन में बड़ी बैठक करने जा रही हैं। दो दिन की इस बैठक में माओवाद प्रभावित आदिवासी समाज के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।उनका कहना है कि इसमें वहां के जनप्रतिनिधि और आम लोग समस्या के खात्मे के लिए क्या क्या चाहते हैं इस पर चर्चा करेंगे। इसके बाद राज्यपाल के निर्देश पर राजभवन के अफसरों ने तैयारी शुरू कर दी है। राजधानी की यह पहली अहम बैठक होगी, जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी समेत आला अधिकारी तो शामिल होंगे ही, आदिवासी समाजों के प्रतिनिधि भी इसमें हिस्सा लेकर बताएंगे कि नक्सल इलाकों में किस तरह के विकास के मॉडल चाहिए और किस तरह उसकी मदद से नक्सल मूवमेंट को समाप्त किया जा सकता है।
बुधवार को दैनिक भास्कर से चर्चा में राज्यपाल ने कहा कि नक्सल इश्यू पर मीटिंग के बारे में उनकी मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से बात हो चुकी है। उन्होंने उन्हें मीटिंग का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा है। मीटिंग की अभी डेट तय नहीं हुआ है। अफसरों ने संकेत दिए हैं कि सितंबर में बैठक हो सकती है। उससे पहले 26 तारीख को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर नक्सल प्रभावित 11 राज्यों के सीएम और डीजीपी की बैठक भी कर हे हैं। बता दें कि दंतेवाड़ा जिले से शुरू हुई नक्सली गतिविधियां अब बस्तर के सातों जिले समेत सूबे के तीन चौथाई से भी अधिक हिस्से में कुल 16 जिलों में अपना पैर फैला चुकी है। 15 बरसों में सात सौ से अधिक सुरक्षा बलों के जवान शहीद हो चुके हैं।राजभवन में नक्सलवाद पर बड़ी बैठक झीरम कांड के बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई थी।
राजभवन ट्रैकर पर मानिटर करेगा उसे मिली शिकायतों पर क्या कार्रवाई कर रहे विभाग : राजभवन को मिली शिकायतों, मांगो और सुझावों को विभाग को भेजकर शांत नहीं हो जाएगा। राज्यपाल उइके इस परंपरा को तोड़ने जा रही हैं। चर्चा के दौरान उइके ने कहा कि उन्हें या डाक से राजभवन को मिलने वाली शिकायतों, सुझावों और मांगों को उनकी विषयों के अनुसार विभागों को भेजने के बाद उनकी कम्प्लाइंस को वो खुद मानिटर करेंगी। इसके लिए बकायदा अफसर-और कर्मचारी तैनात कर ट्रैकर पर फालों करेंगी।