भारी बारिश से एक बार फिर देश के कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। हिमाचल, उत्तराखंड, केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश में जलप्रलय से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने कई राज्यों में अगले 24 घंटों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। जिस कारण बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
खास बातें
बाढ़ और बारिश से जनजीवन प्रभावित
हिमाचल में 350 से ज्यादा सड़कें बंद, हाईवे बहा
उत्तराखंड में बारिश से उफान पर नदियां, गंगोत्री, यमुनोत्री व बदरीनाथ हाईवे बंद
जम्मू में बारिश से नदी नाले उफान पर, वैष्णो देवी हेलीकॉप्टर सेवा बंद
पंजाब में भी उफान पर नदियां, 81 बाढ़ प्रभावित गांवों को खाली कराने के आदेश
राजस्थान में जानलेवा बारिश से तबाही, 16 की मौत
कृष्णा की बाढ़ से आंध्रप्रदेश के 87 गांव प्रभावित
हिमाचल में हाल बेहाल, हाईवे बहा
हिमाचल में हो रही तेज बारिश से आम जनजीवन प्रभावित है। प्रदेश में पांच नेशनल हाईवे समेत 350 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। मनाली में नेशनल हाईवे बह गया है। जबकि कई जगह सड़कें और पुल बह गए।
तेज बारिश से कई लोगों की मौत की भी खबर है। जानकारी के अनुसार, चंबा की बंदला पंचायत में घर की दीवार गिरने से दादा और पोती की मौत हो गई है। कुल्लू में एक शख्स के बहने की खबर है। शिमला में भूस्खलन में पांच लोग दबे हैं। बचाव कार्य जारी है। घुमारवीं में बादल फट गया है। जबकि बिलासपुर में आठ मकान ध्वस्त हो गई हैं।
प्रदेश में शुक्रवार रात और शनिवार को सामान्य से 200 फीसदी अधिक बारिश हुई। पालमपुर में बंदला की पहाड़ियों पर बादल फटने से न्यूगल और बनेर खड्ड में बाढ़ आ गई। इससे बंदला के ओम बिजली संयंत्र में छह कर्मचारी फंस गए जिन्हें पुलिस और होमगार्ड ने बचाया। कुल्लू के पतलीकूहल में ब्यास नदी में फंसे दो ट्रक चालकों को भी बचाया गया। चंबा में 15 शिक्षकों को सुरक्षित निकाला गया।
उत्तराखंड में शनिवार देर रात से हो रही बारिश ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ों की रानी मसूरी में भी कैंपटी-यमुनोत्री मार्ग भारी भूस्खलन के बाद बंद हो गया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन जेसीबी के माध्यम से सड़क पर आए मलबे को हटाने में जुटा है। वहीं इसके कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है।
नई टिहरी और आसपास के क्षेत्रों में भी रातभर से बारिश का सिलसिला जारी है। यमुनोत्री हाईवे ओजरी डबरकोट में भी बंद हो गया है। यमुना नदी के साथ-साथ सहायक नदी -नाले भी उफान पर हैं। चमोली जिले में भी भारी बारिश के चलते बदरीनाथ नेशनल हाईवे लामबगड़ और पीपलकोटी से टंगणी मे अवरुद्ध हो गया है।
भारी बारिश के बाद से अब अलकनंदा, पिण्डर, धोली,नंदाकनी, बालखिला नदियां उफान पर हैं। वहीं, सडकों पर मलबा आने से चमोली में 19 सडकें भी बंद हैं। उत्तरकाशी में भी जिले के अधिकांश हिस्सो में सुबह से बारिश का सिलसिला जारी है। गंगोत्री राजमार्ग चुंगी-बड़ेथी के पास मलबा और पत्थर आने से बंद हो गया है। वहीं, गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच भूस्खलन का खतरा देखते हुए यात्रियों को पड़ावों पर रोका गया है। सुबह 8 बजे तक गौरीकुंड से 230 श्रद्धालुओं ने धाम के लिए प्रस्थान किया था। बारिश के चलते रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर बना पुराना झूला पुल टूटा गया है।
त्यूनी में भी टोंस नदी के उफान पर पर आने से कई घर खतरे की जद में आ गए हैं। तहसील प्रशासन ने 35 परिवारों के घरों को खाली कराकर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। जम्मू कश्मीर के सांबा में देविका नदी पार करते समय दो लोग बह गए। आसपास के लोगों ने एक को बचा लिया, जबकि दूसरे की देर शाम तक तलाश जारी थी। उधर, कठुआ जिले के उज्ज दरिया में आई बाढ़ में फंसे 14 लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया। उधमपुर के खैरी क्षेत्र में भी बारिश की मार पड़ी। यहां मलबा गिरने से सुबह डेढ़ घंटा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहा।
वैष्णो देवी में चॉपर सेवा बाधित
श्री माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा में भारी बारिश और धुंध से कटड़ा-सांझीछत चापर सेवा बाधित रही। जम्मू में तवी नदी सहित अन्य नदी नालों का जलस्तर काफी बढ़ गया। जम्मू में शनिवार को बारिश के कारण तवी नदी का जलस्तर बढ़कर 10 फीट तक पहुंच गया, यहां 14 पर अलर्ट और 17 फीट पर खतरे के निशान हैं। जम्मू और आसपास के हिस्सों में दोपहर तक बारिश होती रही। यहां दिन का तापमान सामान्य से 6.7 डिग्री सेल्सियस गिरकर 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेकिन दिन में आर्द्रता का प्रतिशत 88 रहने से उमस से राहत नहीं मिल पाई।