• दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे ने हाल ही के वर्षों में इस अंचल में 44 कि.मी. नईलाइन एवं 312 कि.मी. लाइन का दोहरीकरण एवं तिहरीकरण किया
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दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे को वित्तीय वर्ष 2019-20 में नईलाइन… आमान परिवर्तन व दोहरीकरण के लिए 3302.72 करोड़ का आबंटन
बिलासपुर। भारत की प्रगति में भारतीय रेल्वे की हमेंशा ही अहम् भूमिका रही है | रेल की सहायता से लोग अपनी दैनिक, सामाजिक, पारिवारिक एवं व्यावसायीक, औद्योगिक काम निपटाते हुए भारत की प्रगति में अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे है | दक्षिण पूर्वे मध्य रेल्वे विगत कुछ वर्षों मे अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से जुड़े अनेक कार्य कर रही है | इसके लिए अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दूरदराज के क्षेत्रों मे जहाँ अब तक रेल की पटरी नही पहुच सकी है वहा भी रेल लाईन बिछाने का कार्य लगातार कर रही है, साथ ही आवश्यकतानुसार नई रेल लाईन, दोहरी लाईन, तीसरी लाईन एवं चौथी लाईन का कार्य भी मंडलो के दूरदराज के क्षेत्रों मे युद्धस्तर पर काम किए जा रहे है । इस बात को ध्यान मे रखते हुये दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे तीनों मंडलो मे फैले सभी रेल खंडों पर अतिरिक्त इंफ्राएस्टरकचर बढ़ाने, उसे अधिक क्षमतायुक्त बनाने के लिए पिछले 4-5 वर्षों मे काफी प्रगति हुई है एवं कुछ ऐसे भी प्रोजेक्ट है जो चरणबद्ध ढंग से पूरे किए जा रहे है।
दक्षिण पूर्वे मध्य रेल्वे द्वारा अपने इंफ्राएस्टरकचर बढ़ाने, उसे और अधिक क्षमतायुक्त बनाने के लिए विगत 4-5 वर्षों मे किये गए कार्यों एवं अन्य बड़ी योजनाये जो प्रगति पर है, जैसे जबलपुर-गोंदिया गेज कंवर्षण प्रोजेक्ट के अंतर्गत छिंदवाडा-नागपुर गेज कन्वर्सन में पाटनसोंगी-केलोद, इतवारी-पाटनसोंगी एवं केलोद-भीमलागोंदी तक 92 किलोमीटर तक ब्राडगेज की जा चुकी है, लाईनों के दोहरी, तिहरी एवं चौथी लाइन के निर्माण के अंतर्गत किरोडीमलनगर-रायगढ़, रायगढ़-जामगा, चाम्पा-सारागांव एवं चाम्पा-सारागांव तक चौथी लाइन, पेंद्रारोड़-खोडरी तक 58.9 किलोमीटर तक इस प्रकार दोहरी, तिहरी एवं चौथी लाइन के निर्माण कार्य 151 किलोमीटर तक की जा चुकी है ।
इसके अतिरिक्त कुछ महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार है – प्रोजेक्ट के नाम लम्बाई– कि.मी. प्रोजेक्ट के नाम लम्बाई– कि.मी., बिलासपुर-उरकुरा दोहरीकरण, (पूर्ण) 110 कि.मी., राजनांदगांव-नागपुर, तीसरी लाईंन 50 कि.मी., सलाकारोड़-खोंगसरा-पूर्ण 26 कि.मी., बिलासपुर-झारसुगुडा चौथी लाइन-प्रगति पर 153 कि.मी., दुर्ग-राजनांदगांव तीसरी लाइन-पूर्ण 31 कि.मी., पेन्ड्रारोड़-अनूप्पुर तीसरी लाईंन – 18 कि.मी.,, खोडरी-अनूपपुर – प्रगति पर 29 कि.मी., गेवरा रोड़- पेन्ड्रारोड़ नईलाइन – 135 कि.मी., चाम्पा-झारसुगुडा 3 लाइन-प्रगति पर 99 कि.मी., केंद्री-धमतरी गेज परिवर्तन प्रगति पर 67 की. मी.।
दक्षिण पूर्वे मध्य रेल्वे द्वारा अपने इंफ्राएस्टरकचर बढ़ाने, उसे और अधिक क्षमतायुक्त बनाने के लिए विगत 4-5 वर्षों मे किये गए कार्यों एवं अन्य बड़ी योजनाये जो प्रगति पर है, जैसे जबलपुर-गोंदिया गेज कंवर्षण प्रोजेक्ट के अंतर्गत छिंदवाडा-नागपुर गेज कन्वर्सन में पाटनसोंगी-केलोद, इतवारी-पाटनसोंगी एवं केलोद-भीमलागोंदी तक 92 किलोमीटर तक ब्राडगेज की जा चुकी है, लाईनों के दोहरी, तिहरी एवं चौथी लाइन के निर्माण के अंतर्गत किरोडीमलनगर-रायगढ़, रायगढ़-जामगा, चाम्पा-सारागांव एवं चाम्पा-सारागांव तक चौथी लाइन, पेंद्रारोड़-खोडरी तक 58.9 किलोमीटर तक इस प्रकार दोहरी, तिहरी एवं चौथी लाइन के निर्माण कार्य 151 किलोमीटर तक की जा चुकी है ।
इसके अतिरिक्त कुछ महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार है – प्रोजेक्ट के नाम लम्बाई– कि.मी. प्रोजेक्ट के नाम लम्बाई– कि.मी., बिलासपुर-उरकुरा दोहरीकरण, (पूर्ण) 110 कि.मी., राजनांदगांव-नागपुर, तीसरी लाईंन 50 कि.मी., सलाकारोड़-खोंगसरा-पूर्ण 26 कि.मी., बिलासपुर-झारसुगुडा चौथी लाइन-प्रगति पर 153 कि.मी., दुर्ग-राजनांदगांव तीसरी लाइन-पूर्ण 31 कि.मी., पेन्ड्रारोड़-अनूप्पुर तीसरी लाईंन – 18 कि.मी.,, खोडरी-अनूपपुर – प्रगति पर 29 कि.मी., गेवरा रोड़- पेन्ड्रारोड़ नईलाइन – 135 कि.मी., चाम्पा-झारसुगुडा 3 लाइन-प्रगति पर 99 कि.मी., केंद्री-धमतरी गेज परिवर्तन प्रगति पर 67 की. मी.।