
रायपुर। दंतेवाड़ा उपचुनाव में 23 सितंबर को मतदान होना है। इस कारण अब दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। बस्तर संभाग के बाहर के आला-नेताओं का पहुंचना शुरू हो गया है। भाजपा के कई बड़े नेताओं ने डेरा डाल दिया है, जबकि कांग्रेस के आला-नेताओं का शनिवार से दंतेवाड़ा पहुंचना शुरू होगा। चुनाव का प्रचार थमने तक दोनों राष्ट्रीय दलों के आला-नेताओं का दंतेवाड़ा में चुनावी कैम्प होगा।
वरिष्ठ नेताओं का आना-जाना लगा रहेगा। अभी तक भाजपा और कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के दौरे का कार्यक्रम नहीं आया है। भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की एक चुनावी सभा कराना चाह रही है, वहीं कांग्रेस इस कोशिश में लगी है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी प्रचार के अंतिम समय में दंतेवाड़ा आएं।
भाजपा ने मॉनीटरिंग के लिए बनाया कंट्रोल रूम
भाजपा प्रत्याशी ओजस्वी मंडावी के प्रचार के लिए दंतेवाड़ा उपचुनाव के प्रभारी और भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा पहले से वहीं हैं। शुक्रवार को प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री पवन साय और कुस्र्द विधायक अजय चंद्राकर अपनी टीम लेकर पहुंचे। सन्न्मिराण कर्मकार मंडल के पूर्व अध्यक्ष मोहन एंटी रायपुर से प्रचार करने पहुंच गए हैं। शनिवार को कई आला-नेता पहुंचने वाले हैं।
बस्तर संभाग से पूर्व मंत्री लता उसेंडी, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना पहले से ओजस्वी के प्रचार में जुटे हुए हैं। पार्टी के जिला कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है, जहां से पूरे प्रचार अभियान, न केवल भाजपा, बल्कि कांग्रेस की चुनावी गतिविधियों की भी मॉनीटरिंग होगी। भाजपा के मोर्चा-संगठन के पदाधिकारियों का भी एक-दो दिन में पहुंचना होगा।
कांग्रेस के मोर्चा-संगठनों के प्रमुख भी संभालेंगे मोर्चा
दंतेवाड़ा की पूर्व विधायक देवती कर्मा कांग्रेस की प्रत्याशी हैं, जिनके प्रचार के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पहले से दंतेवाड़ा में ही डटे हुए हैं। इनके अलावा बस्तर के सांसद दीपक बैज, मंत्री कवासी लखमा, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णचंद पाढ़ी समेत अन्य स्थानीय नेता और पदाधिकारी पहले से प्रचार में लगे हैं।
शनिवार को प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री गिरिश देवांगन भी दंतेवाड़ा पहुंच जाएंगे, जो कि रणनीति के आधार पर संगठन के पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी देंगे। 15 सितंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झारखंड दौरे पर जाएंगे। वहां से लौटने के बाद मुख्यमंत्री भी दंतेवाड़ा जाएंगे। दूसरे मंत्रियों का भी दौरा कार्यक्रम बन रहा है। मोर्चा-संगठन के पदाधिकारी भी शनिवार से पहुंचने लगेंगे।