
दुर्ग. भारत माला परियोजना के तहत राजनांदगांव के टेडेसरा से शुरू होकर दुर्ग जिले के थनौद, उतई, पाटन होते हुए अभनपुर और आगे आरंग तक करीब 92.5 किलोमीटर लंबे सिक्सलेन के लिए भू-अर्जन अवार्ड पारित हो गया है। 2281 करोड़ रुपए वाले इस प्रोजेक्ट के लिए 9 सितंबर को अनुभागीय अधिकारियों द्वारा एनएचआई के रीजनल ऑफिस रायपुर को मेल किया जाएगा। जहां से इसे दिल्ली एनएचआई को भेजा जाएगा।
रायपुर जाने के लिए दुर्ग और भिलाई में नहीं आएंगे भारी वाहन
- इस प्रक्रिया के तहत मुआवजा राशि जारी की जा सके। दुर्ग जिले के करीब 1349 किसानों को मुआवजा मिलना है। वहीं राजनांदगांव जिले के 139, अभनपुर के 613 व आरंग के 543 किसानों को मुआवजा मिलना है। 2281 करोड़ रुपए से 704 करोड़ रुपए 2644 किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। 7 सितंबर 2018 को नेशनल हाइवे एक्ट 1955 की धारा 3-डी के तहत भूमि अर्जन की उद्घोषणा हुई थी।
- दिसंबर 2022 तक काम पूरा करने का है दावा
- 92.5 किलोमीटर लंबे इस सिक्स लेन का काम शुरू होगा। दिसंबर 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाना है।
- 1349 किसान दुर्ग जिले के हैं, जिनकी जमीन सिक्सलेन के लिए।
- 44 किमी की रोड टेडेसरा से खट्टी और 48.5 किमी रोड खट्टी से आरंग तक बनेगी।
- जानिए कहां से कितने किसान प्रभावित होंगे
- पाटन के 14 गांव के 714 किसानों की करीब 150 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है।
- दुर्ग में 12 गांव के 635 किसानों की करीब 112.83 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा।
- राजनांदगांव जिले के टेडेसरा व देवादा से 139 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा।
- टेडेसरा से सड़क शुरू होगी। जो आरंग तक जाएगी।
- पहले फेज में 44 किमी का काम
टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले स्टेज में टेडेसरा से ग्राम खट्टी तक करीब 44 किलोमीटर का काम होगा। 2 कार्य एजेंसियों से इसे कराया जाएगा। इसके बाद खट्टी से आरंग तक 48.5 किलोमीटर का काम होगा। -
ट्रैफिक का दबाव होगा कम, एअरपोर्ट जाने रुकना नहीं पड़ेगा
वर्तमान में टेडेसरा से दुर्ग, भिलाई, रायपुर होते हुए आरंग की दूरी करीब 88.50 किलोमीटर है। नए सिक्सलेन में यह 92.50 किलोमीटर के मध्य होगी। बावजूद इसके बड़ी राहत इस सिक्स लेन से मिलेगी। ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो जाएगा। इस सिक्सलेन सड़क के जरिए रायपुर एयरपोर्ट तक बाधाविहीन कॉरिडोर मिलेगा।
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अब मुआवजा राशि दी जाएगी
अनुभागीय स्तर पर अवार्ड पारित किया जा चुका है। इसे एनएच को भेजा जाएगा। वहां से किसानों की मुआवजा राशि जारी होगी। फिर भू अर्जन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।