
रायपुर . देश में रविवार से लागू हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट के जुर्माने से जुड़े प्रावधानों को लागू करने से मध्यप्रदेश सरकार ने इनकार कर दिया है, साथ ही छत्तीसगढ़ में भी इसके लागू होने पर संशय है। प्रदेश सरकार ने नए एक्ट के प्रावधानों का परीक्षण शुरू कर दिया है। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है विधि विभाग से रायशुमारी के बाद ही सरकार इस पर आगे फैसला लेगी। अकबर के अनुसार अधिनियम के कुछ बिंदु राज्य सरकार के पावर में हैं। इसमें आपसी राजीनामा की राशि जैसे कई अहम मुद्दे हैं। इनमें राज्य सरकार की क्या भूमिका है और राज्य सरकार इसमें क्या कर सकती है इस संबंध में परीक्षण किया जा रहा है। संभव है मंगलवार तक इस संबंध में निर्णय हो जाए।
अब आगे क्या
- राज्य सरकार नए मोटर व्हीकल एक्ट का अध्ययन करेगी। इसकी विसंगतियों को दूर कर जुर्माने की नई दरें तय कर सकती है।
- नया एक्ट इसलिए सख्त
- ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालने कराने और सड़क हादसों में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार ने जुर्माने की राशि को पांच से दस गुना तक बढ़ाया है।
अधिनियम के कुछ बिंदु राज्य के अधिकार में हैं। एक्ट लागू करने के संबंध में परीक्षण कर रहे हैं। संभव है मंगलवार तक इस पर निर्णय हो जाए। -मोहम्मद अकबर, परिवहन मंत्री
नए मोटर व्हीकल एक्ट में ये हैं प्रावधान :
- नाबालिग वाहन चलाते पकड़ा गया तो 25 हजार रुपए जुर्माना और गाड़ी मालिक को 3 साल तक की सजा होगी। साथ ही उस वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा। पहले नाबालिग के वाहन चलाने पर कोई जुर्माना नहीं था।
- एंबुलेंस जैसे इमरजेंसी सेवा वाले वाहन को रास्ता न देने पर अब तक कोई जुर्माना नहीं था, लेकिन अब रास्ता न देने पर 10 हजार रुपए जुर्माना भरना होगा।
- बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर 500 के बजाय 1000 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा, साथ ही 3 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित हो जाएगा।
- ड्राइविंग लाइसेंस न होने पर 500 की वजह 5000 रुपए देने होंगे।
- बगैर परमिट के ड्राइविंग करने पर 5000 की जगह 10000 रुपए देने होंगे।
- शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2000 की जगह अब 10 हजार भुगतने होंगे।
- बाइक को स्टाइलिश बनाने के लिए साइलेंसर लगाने, हैंडल बदलने पर 5000 रुपए का जुर्माना होगा।
- तेज ड्राईविंग करने पर 15 हजार का जुर्माना। स्टंट करने पर 10000 रुपए का जुर्माना भुगतना पड़ेगा।
इन राज्यों का भी विरोध : भारी जुर्माना लगाए जाने और सजा किए जाने के प्रावधान किए जाने का विरोध मप्र के अलावा राजस्थान, पश्चिम-बंगाल सहित अन्य राज्यों ने भी करते हुए अपने यहां भी एक्ट के प्रावधानों को लागू नहीं किया है।
विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश सरकार के पास नियम लागू न करने के ये भी रास्ते
- चालान होने की दशा में नए एक्ट के तहत मामला कोर्ट में चलेगा। राज्य सरकार के पास अधिकार है कि वह 2014 के एक्ट के तहत नियम का उल्लंघन करने पर तय समझौता शुल्क जमा कर मामले को खत्म कर सकती है। हालांकि आने वाले समय में समझौता शुल्क बढ़ने की बात कही जा रही है। लेकिन यह तभी बढ़ेगा जब सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी।
- मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र का नोटिफिकेशन लागू नहीं किया है। इसलिए वह अपना नया नोटिफिकेशन जारी कर जुर्माने की राशि को कम या ज्यादा कर सकती है। उसे नए मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट की धारा 200 (1) के तहत अधिकार है। संभव है छत्तीसगढ़ में भी सरकार इसका अनुसरण करे।
- नया नोटिफिकेशन जारी करने के बाद सरकार को यह अधिकृत करना होगा कि पुलिस नियम उल्लंघन पर कितनी कंपोजिशन फीस ले या मामले को कोर्ट ले जाए।
- पश्चिम बंगाल व राजस्थान ने भी नए एक्ट को लागू करने से मना किया है। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार उनके नोटिफिकेशन देखने के बाद ही छत्तीसगढ़ में इसके संबंध में कदम उठाएगी।