रायपुर। जानबूझकर टैक्स चुकाने से बचने और रिटर्न नहीं भरने वालों को आयकर विभाग से बड़ी राहत मिली है। बताया जा रहा है कि अब इनके ज्यादातर मामलों को अपराध की श्रेणी में नहीं माना जाएगा, उन पर आपराधिक धाराओं के तहत कार्रवाई नहीं होगी।
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 25 लाख रुपये तक टीडीएस यानी आमदनी के स्रोत पर टैक्स कटौती को सरकारी खजाने में जमा कराने में अगर 60 दिन तक की देरी होगी तो सामान्य परिस्थितियों में दंडित किए जाने की प्रक्रिया नहीं होगी। हालांकि, आदतन चूक करने वालों पर शिकंजा जरूर कसा जाएगा, लेकिन इसके लिए भी दो चीफ कमिश्नरों या इनकम टैक्स के डीजी की मंजूरी जरूरी होगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इसके साथ टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी हो, इसके लिए और भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। करदाताओं को भी जागरूक किया जा रहा है। इन दिनों 31 दिसंबर तक केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी के करदाताओं के लिए स्कीम भी दी जा रही है। इसके तहत वे आकर्षक छूट पाकर अपना टैक्स जमा कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश को भी इससे काफी टैक्स मिलेगा।
तीन महीने से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान- आयकर नियमों के अनुसार टीडीएस की सही धनराशि अगर समय पर जमा नहीं कराई जाती है तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 276बी के तहत तीन महीने से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। देश में ऐसी अधिकतर सजा मैजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा दी जाती है। इसके साथ ही इनकम छुपाने से जुड़े अपराध पर भी मानदंडों में छूट दी है। अगर 25 लाख या उससे कम इनकम की राशि छिपाई गई है तो ऐसे मामलों को तब तक नहीं उठाया जाएगा, जब तक कॉलेजियम की मंजूरी नहीं मिल जाती।