
रायपुर। गौठान से आजीविका प्राप्त हो सकती है, इस सपने को छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना ”नरवा गरूवा घुरवा बाड़ी ने पूरा कर दिया है। गांव में स्थापित परम्परागत गौठान को एक आदर्श गौठान के रूप में परिवर्तन किया जा रहा है। इसे आजीविका का स्रोत के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। तिल्दा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बुड़ेनी में बनाया गया गौठान इस उदेश्य को पूरा कर रहा है। शासन का गौठान निर्माण का उद्देश्य ग्राम में लावारिस पशु जो इधर-उधर घूम-घूमकर किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचाते है, सड़को पर दुर्घटना का कारण बनते है। जिससे स्वयं व मानव जाति के लिए खतरा पैदा होता है। इनकों बचाने एवं सुरक्षित रखने के लिए गौठान बनाया गया है।
गौठान में पशुधन विकास विभाग द्वारा सर्वप्रथम चारे की व्यवस्था हेतु लगभग 14 एकड़ चारागाह भूमि में 03 एकड़ में नेपियर घास लगाया गया, लगभग 01 एकड़ में एम.पी.चरी घास लगाया गया है, जिसे काटकर पशुओं को खिलाया जा रहा है। पैरा की व्यवस्था की गई है, अजोला टैंक का निर्माण, चापकटर, ट्रेविस लगाकर पशुओं का उपचार एवं टीकाकरण किया जा रहा है। गौठान में पशुओं से प्राप्त गोबर से जैविक खाद बनाने की व्यवस्था की गई है। इस जैविक खाद का उपयोग किसान अपने खेतों में कर सकेगें।
बुड़ेनी केे गौठान में लगभग 50 लावारिस पशु को भी रखा गया है। इन पशुओं के लिए शेड का निर्माण, चारा के लिए कोटना, पानी के लिए टांका एवं लगभग 03 एकड़ जगह में टहलने के लिए साफ-सुथरा जगह बनाया गया है। पशुओं की देखरेख करने के लिए चरवाहा कक्ष एवं चारागाह में सिंचाई व्यवस्था हेतु बोरपंप एवं तालाब का निर्माण भी किया गया है। गौठान में कृषि विभाग द्वारा नाडेप का निर्माण, उद्यान विभाग द्वारा फलदार एवं छायादार पौधारोपण, छत्स्ड द्वारा बाड़ी में सब्जी बीज का रोपण जैसे कार्य जा रहा है। शासन के मंशानुरूप गौठान को आदर्श गौठान के रूप में आकार दिया जा रहा है।