
बिलासपुर. देश में तीन तलाक के खिलाफ कानून लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ में पहला मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने दहेज की मांग पूरी नहीं करने पर गर्भवती पत्नी को तीन तलाक दे दिया और बेटे को साथ ले गया। इस पर महिला के परिजनों ने सोमवार को थाने में शिकायत दर्ज कराई। इस पर पुलिस ने पहले तो समझाइश की, लेकिन जब युवक नहीं माना तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पूरा मामला कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मऊ निवासी दिलशाद अख्तर और उज्जमा परवीन की वर्ष 2013 में शादी हुई थी। इसके बाद से ही दोनों मनेंद्रगढ़ क्षेत्र के चैनपुर में किराये से मकान लेकर रहते थे। दोनों के चार बच्चे हैं और उज्जमा अब भी गर्भवती है। महिला का आरोप है कि शादी के बाद से ही उसका पति दिलशाद उससे दहेज के लिए मारपीट करता था। इससे बचने के लिए उसने कई बार अपने घर से रुपए लाकर दिए भी।
इसके बावजूद दिलशाद ने मारपीट करना नहीं छोड़ा और पैसों की मांग करता रहा। उसने 15 अगस्त को भी परवीन से मारपीट की और गुस्से में आकर उसे तीन तलाक दे दिया। इसके बाद उसे घर से निकल जाने को कहा। इस पर परवीन ने जाने से इनकार कर दिया। परवीन घर से नहीं गई तो दिलशाद एक बच्चे को साथ लेकर खुद ही चला गया। वहीं पास में उसके सास-ससुर भी रहते हैं। परवीन ने उनसे भी शिकायत की, लेकिन उन्होंने बेटे का ही साथ दिया।
परेशान होकर परवीन ने अपने परिजनों को सारी बात बताई। परिजन 17 सितंबर को मनेंद्रगढ़ पहुंच गए। पहले तो उन्होंने खुद ही दिलशाद को समझाने का प्रयास किया, पर जब वह नहीं माना तो थाने में शिकायत की। इस पर पुलिस ने भी उसको बुलाकर समझाइश दी, लेकिन नहीं मानने पर एफआईआर दर्ज कर ली गई और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।