नई दिल्ली। आम बजट में काबूली चना, मटर, बंगाल चना, मसूर की दाल पर भी 20 से 50 फीसदी एग्रीकल्चर सेस लगाया है। ये सेस आज 2 फरवरी से लागू होगा। हालांकि, केंद्र सरकार का दावा है कि इससे आम लोगों पर आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा क्योंकि सेस से लगने से बढ़ी कीमत को कस्टम ड्यूटी घटाकर उसके असर को खत्म कर दिया गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सामान महंगा नहीं होने देगी। बजट में सरकार ने मटर, काबुली चना, बंगाल चना और मसूर पर आयात शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है।
इन दालों पर भी लगाया गया है एग्रीकल्चर सेस
– बजट में काबुली चना पर 30 प्रतिशत, मटर पर 10 प्रतिशत, बंगाल चना पर 50 प्रतिशत, मसूर पर 20 प्रतिशत, कपास पर 5 प्रतिशत पर कृषि बुनियादी ढांचा सेस।
– मटर, काबुली चना, बंगाल चना और मसूर पर आयात शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है।
– पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का सेस लगाया गया।
– सोना, चांदी डोर बार (सोने और चांदी की मिश्र धातु) पर कृषि बुनियादी ढांचा सेस 2.5 प्रतिशत, सेब पर 35 प्रतिशत लगाया गया
– नया कृषि बुनियादी ढांचा विकास सेस दो फरवरी से लागू होगा।
होगी 30 करोड़ की आय
वित्त सचिव अजय भूषण पाण्डेय ने कहा कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस सिर्फ 14-15 उत्पादों पर ही लगेगा। इसकी रूपरेखा कुछ ऐसे तैयार की गई है, जिससे आम लोगों पर कोई खास फर्क नहीं पड़े। वहीं, सरकार को इसके जरिये 30 हजार करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है। इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि ढांचे को तत्काल विकसित करने और कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग को भी बेहतर करने के लिए सेस लगाया गया है।