
एशेज सीरीज के पांचवें और आखिरी मैच इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 135 रनों से हरा दिया। इसके साथ ही आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप की अंक तालिका में अपनी पांचवीं पोजिशन बरकरार रखी। इस जीत से इंग्लैंड को 24 प्वाइंट मिले और अंक तालिका में उसके कुल अंक 56 हो गए। ऑस्ट्रेलिया भी इतने ही अंकों के साथ प्वाइंट्स टेबल में चौथी पोजिशन पर है। पांच मैचों की इस सीरीज के हर मैच के लिए विजेता टीम को 24 अंक मिले, वहीं ड्रॉ होने पर दोनों के बीच 8-8 अंक बांटे गए।
एशेज सीरीज का पहला और चौथा मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीता था, तो वहीं तीसरा और आखिरी मैच इंग्लैंड ने जीता। दूसरा टेस्ट ड्रॉ रहा था। जिसके बाद सीरीज भी 2-2 से ड्रॉ हो गई। दूसरी ओर, चैम्पियनशिप के अपने शुरुआती दोनों मैच जीतने की वजह से भारतीय टीम 120 अंकों के साथ अब भी टॉप पर बनी हुई है। दूसरे नंबर पर न्यूजीलैंड की टीम है, जिसके दो मैचों में 60 अंक हैं। तीसरे नंबर पर श्रीलंका है, उसके भी 60 अंक हैं।
12 में से सिर्फ 9 देश खेल रहे चैम्पियनशिप
टेस्ट खेलने वाले 12 देशों में से टॉप की 9 टीमें ही इस चैम्पियनशिप में खेल रही हैं। आयरलैंड और अफगानिस्तान को टूर्नामेंट में खेलने का मौका नहीं मिला, जबकि जिम्बाब्वे की टीम प्रतिबंधित हो चुकी है।
हर टीम को खेलना है 6-6 टेस्ट सीरीज
टेस्ट चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रहीं 9 टीमें दो साल के अंतराल में 6-6 टेस्ट सीरीज खेलेंगी। इनमें से 3 घरेलू और 3 विदेशी मैदान पर होंगी। एक सीरीज में कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा 5 टेस्ट खेले जा सकते हैं। लीग राउंड के खत्म होने के बाद शीर्ष पर रहने वाली 2 टीमों के बीच इंग्लैंड में जून 2021 में फाइनल खेला जाएगा।
हर सीरीज के लिए तय है 120 अंक
टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत होने वाली हर टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों के बीच कुल 120 अंकों का बंटवारा किया जा रहा है। फिर चाहे अलग-अलग सीरीज में मैचों की संख्या अलग-अलग क्यों ना हो। जैसे, अगर सीरीज में पांच टेस्ट मैच हैं तो हर मैच के लिए 24 अंक हैं, वहीं अगर चार टेस्ट की सीरीज है, तो हर मैच के 30 अंक हैं। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में एक मैच के लिए 40 और दो टेस्ट की सीरीज में प्रति मैच के लिए 60 अंक दिए जा रहे हैं। हालांकि दो साल में एक टीम को ज्यादा से ज्यादा 720 अंक ही मिल सकेंगे।
फाइनल मैच ड्रॉ या टाई होने पर लीग राउंड के दौरान अंक तालिका में टॉप पर रहने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाएगा। इस तरह से पहले स्थान पर रहने वाली टीम किसी तरह खिताबी मुकाबले को कम से कम ड्रॉ या टाई कराना चाहेगी। वहीं, दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम को हर हाल में जीतना होगा।