
भिलाई . निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता से जुड़े एमजीएम हॉस्पिटल से अब चिंतामणि चंद्राकर का भी नाम जुड़ गया है। चिंतामणि हॉस्पिटल के फाउंडर मेंबर हैं। नान घोटाले को लेकर जब्त डायरी में जो पैसों के लेनदेन सीएम (ईओडब्ल्यू इसे चिंतामणि मानकर चल रही है) के नाम पर हुए हैं। उन्हीं में से कुछ पैसों का ट्रांजेक्शन एमजीएम हॉस्पिटल में होने की खबर है। इस जानकारी के बाद ईओडब्ल्यू ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। एमजीएम हॉस्पिटल मुकेश गुप्ता के रिश्तेदारों के नाम से संचालित है। पिछली सरकार में नान घोटाले को लेकर हुई जांच पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। ईओडब्ल्यू की जांच में यह बात सामने आई है कि वर्ष 2011-12 से वर्ष 2014-15 के बीच हुए इस घोटाले में जांच वर्ष 2014-15 की हुई। वर्ष 2011 से वर्ष 2014 के बीच की तो जांच ही नहीं हुई। अब इन वर्षों में हुए लेनदेन की जांच होगी।इस मामले में ईओडब्ल्यू विभागीय कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। लेकिन कर्मी सिर्फ इतना कह रहे हैं कि पिछली सरकार में अफसरों ने जिस पर चाही उस पर कार्रवाई कराई। तत्कालीन क्वालिटी निरीक्षक चंद्रप्रकाश खरे को एक मामले में बर्खास्त तक करा दिया गया। मिलर्स के चावल के लॉट को भी रोक दिया था।
ईओडब्ल्यू ने परिजनों से भी कराई बात : इधर ईओडब्ल्यू ने एक दिन पहले चिंतामणि को हिरासत में लिया। ईओडब्ल्यू की टीम आदर्श नगर दुर्ग स्थित घर से चिंतामणि को घर से लेकर गई। इसके बाद करीब 12 घंटों तक रायपुर स्थित कार्यालय में पूछताछ की गई। ईओडब्ल्यू के मुताबिक परिजनों से फोन पर बात भी कराई गई। पूछताछ के दौरान फर्जी राशनकार्ड, पैसों के लेनदेन में सामने आने वाले नाम के साथ शिवशंकर सिंह द्वारा दिए गए हलफनामे में जिक्र किए गए नामों से संबंध के बारे में पूछताछ की गई। हालांकि चिंतामणि की तरफ से किसी से भी संबंध होने की बात से इंकार कर दिया है।
असिस्टेंट मैनेजर भर्ती में भी गड़बड़ी की शिकायत : ईओडब्ल्यू को शक है कि वर्ष 2011 से वर्ष 2015 के मध्य हुई भर्तियों में भी गड़बड़ी की गई। इसमें असिस्टेंट मैनेजर के पद पर हुई भर्तियों में लेनदेन हुआ। इसे लेकर भी चिंतामणि चंद्राकर से पूछताछ की गई। उनकी भूमिका को संदिग्ध माना गया है। भर्ती के रिकाॅर्ड भी खंगाले जा रहे हैं।
मामला संवेदनशील है। जिनके नाम सामने आ रहे हैं, उनके बयान ले रहे हैं। जो दस्तावेज मिले हैं उनका परीक्षण करा रहे हैं। -जीपी सिंह, एडीजी, ईओडब्ल्यू
अंतागढ़ टेपकांड : पूर्व मुख्यमंत्री जोगी और बेटे को कोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं : रायपुर | अंतागढ़ टेपकांड में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी की अग्रिम जमानत अर्जी सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी। सोमवार को पिता पुत्र की ओर से आवेदन पेश किया गया। कोर्ट में सुनवाई के बाद दोनों का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया। इस केस में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे मंतूराम पवार और डा. पुनीत को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत सात महीने पहले जब केस दर्ज किया गया था, तभी मिल चुकी है।