
सतना। यूपी और मध्य प्रदेश में आतंक का दूसरा नाम बने सात लाख के इनामी डकैत बबुली कोल पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उसके एक और साथी लवलेश कोल भी मारा गया है। पुलिस ने सतना के जंगल से दोनों के शव बरामद कर लिए हैं। इन दोनों के खात्मे के साथ ही सतना और विंध्य में डकैतों का सफाया हो गया है।
पुलिस के मुताबिक बीती रात धारकुंडी के लेदरी जंगल में ये मुठभेड़ हुई थी। जोन के आईजी चंचल शेखर के मुताबिक इस मुठभेड़ में पुलिस की तरफ से 35 राउंड गोलियां चली थीं तो वहीं डकैतों ने भी किए थे 15 फायर। बबुली कोल पर 6 लाख पचास हजार का नाम था तो लवलेश कोल पर एक लाख 80 हजार का इनाम था। आज सुबह पुलिस ने जंगल से दोनों इनामी डकैतों के शव बरामद कर लिए। पोस्टमॉर्टम के लिए जब दोनों शवों को अस्पताल लाया गया तो वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई।
ऐसी खबरें भी सामने आ ऱही थी कि फिरौती के रकम के बंटवारे को लेकर बबुली कोल गिरोह में फूट पड़ गई थी और गैंग में नए शामिल हुए लाली कोल ने ही बबुली और लवलेश को मौत के घाट उतारा था। हालांकि पुलिस ने इससे इंकार किया है।
गौरतलब है कि अपहरण, हत्या और लूट की वारदातों को अंजाम देने वाला बबुली कोल का नाम 2011 में सामने आया था। शुरुआत में ये बलखड़िया और ठोकिया गिरोहों का सहयोगी रहा। लेकिन इनके खात्मे के बाद बबुली ने अपना गैंग खड़ा किया था और विंध्य-सतना में आतंक का दूसरा नाम बन गया था। ये केवल मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि यूपी में भी वारदातों को अंजाम देता था। दस्यु सरगना की हनक कुछ ऐसी थी कि दोनों राज्यों की पुलिस तक उससे खौफ खाती थी। वो इतना शातिर था कि वारदात एक राज्य में करता था और फरारी दूसरे सूबे में काटता।