
भिलाई। घनघोर जंगल के बीच में चरोदा का हनुमान मंदिर था। उस स्थान पर एक कुआं भी था। चरोदा के मालगुजार ने आज इस हनुमान जी की प्रतिमा को दक्षिणमुखी चरोदा में विराजित किया है। तीन पत्थरों से मंदिर का निर्माण किया गया है जो आज भी निर्मित है। इस हनुमान मंदिर में जो भी श्रद्धा और विश्वास से आते हैं उसके सभी काम पूर्ण हुए हैं। आज तक कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा है। दक्षिणमुखी हनुमान जी की ख्याति पूरे छत्तीसगढ़ में फैली हुई है। दूर-दूर से श्रद्धालुगण दर्शन तथा क्वांर और चैत्र के नवरात्र में ज्योति कलश की भी स्थापना कराने के लिए आते हैं। दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर दुर्ग जिले के मुख्य मार्ग नगर निगम भिलाई चरोदा के दो किमी की दूरी पर स्थित है। पुजारी संतोष शर्मा ने बताया कि हर कार्य हनुमान जी के नाम से प्रारंभ किया जात है। आसपास के गांव वालों तथा शहर वाले का आस्था का केन्द्र है। हनुमान जी के मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की भी धीरे-धीरे स्थापना की गई। किदवंती के अनुसार हनुमान मंदिर कब से निर्मित है यह मुझे भी ज्ञात नहीं है। मैं लंबे समय से यहां पूजा-अर्चना कर रहा हूं। हनुमान मंदिर में जो कुआं है उस कुएं से जरुरत पडऩे पर आसपास के लोगों को भी पानी की व्यवस्था की जाती है। कुआं कभी सूखा नहीं है। दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में हर संप्रदाय के लोग आते हैं।