
योजना आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री आरोग्य योजना के तहत आपको जल्द ही आपको कैंसर का इलाज और घुटना बदलवाने जैसी प्रमुख सर्जरी की विकल्प भी मिल सकता है। इसको लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। प्राधिकरण ने इस योजना के तहत दिए जाने वाले 1300 मेडिकल पैकेज की समीक्षा के लिए नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर विनोद के पॉल के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में स्वास्थ्य सचिव और आयुष्मान भारत के सीईओ भी शामिल हैं। कमेटी ने अब अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है।
कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना के तहत कैंसर केयर और इम्प्लांट सर्जरी जैसी सुविधाएं भी लाभार्थियों को दी जा सकती हैं। कमेटी ने इलाज के बदले अस्पतालों को किए जाने वाले भुगतान में भी बदलाव की सिफारिश की है। रिपोर्ट के अनुसार, 200 पैकेज के भुगतान बढ़ोतरी और 63 पैकेज के भुगतान में कमी की जा सकती है।
इस योजना से जुड़ी खास बातें…
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बंद की जा सकती है मोतियाबिंद ऑपरेशन की सुविधा
एक्सपर्ट कमेटी ने आयुष्मान भारत के तहत उपलब्ध कराई जा रही मोतियाबिंद ऑपरेशन की सुविधा को बंद करने का फैसला किया है। कमेटी का कहना है कि आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं लेने वालों को दोहरे लाभ से रोकने के लिए कोई सिस्टम नहीं है। जबकि अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत भी मोतियाबिंद ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
- ऐसे में आयुष्मान भारत के तहत मोतियाबिंद ऑपरेशन की सुविधा बंद की जाए। आपको बता दें कि राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत सरकार मुफ्त मोतियाबिंद ऑपरेशन की सुविधा प्रदान कर रही है।
- कमेटी की ओर से तैयार की गई सिफारिशों को 11 सितंबर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की गवर्निंग बॉडी की बैठक में रखा जाएगा। इस बैठक में ही इन सिफारिशों पर अंतिम फैसला होगा।
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आयुष्मान भारत के तहत इन बीमारियों का होता है मुफ्त इलाज
आयुष्मान भारत योजना के तहत हड्डी, ऑर्थो, बर्न, नसबंदी, प्रसव, नवजात शिशु, इमरजेंसी रूम पैकेज, जानवर के काटने पर इलाज, शरीर के अंग के टूटने पर प्लास्टर, फूड प्वाइजनिंग, हाई फीवर का इस टीनएज, नवजात शिशु, जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन आदि का मुफ़्त इलाज करने का प्रावधान है।
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क्या है आयुष्मान भारत योजना
वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिन्हित गरीब परिवारों को इस योजना का पात्र बनाया गया है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थी परिवार पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पतालों में प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज करा सकते हैं।
योजना का लाभ उठाने के लिए उम्र की बाध्यता एवं परिवार के आकार को लेकर कोई बंदिश नहीं है। योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसके जरिये लाभार्थी यह जान सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में शामिल है या नहीं।
लिस्ट में नाम जांचने के लिए mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती है। आयुष्मान भारत योजना में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार प्रदान करती है।
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किस अस्पताल में होगा ABY के लाभार्थी का इलाज?
सभी सरकारी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना (ABY) के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं. इसके साथ ही सरकार के पैनल में शमिल निजी अस्पताल में भी ABY के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं. पैनल में शामिल होने के लिए निजी अस्पताल में कम से कम 10 बेड और इसे बढ़ाने की क्षमता होनी चाहिए।