भिलाई. धीरे-धीरे अब बस्ते का बोझ कम होगा। पेपरलेस स्टडी भी हो सकेगी। इस दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग ने एक स्टेप बढ़ाया है। नए शिक्षा सत्र से पहली से 10वीं तक की कक्षा की किताबों को डिजिटल भी किया जा रहा है। बच्चे मोबाइल से भी पढ़ाई कर सकेंगे। इसके अनुसार बच्चा अपने स्टडी मटेरियल में दी गई बातों को न केवल सुन सकेंगे, बल्कि उससे संबंधित चीजों को देख भी सेकेंगे। इससे उन्हें जल्दी समझने और याद करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। इस व्यवस्था को इस साल प्रायोगिक स्तर पर शुरू किया गया है।
इन स्टेप्स का पालन कर बच्चे कर सकेंगे इसका उपयोग
- गूगल प्ले स्टोर में जाकर दीक्षा एप डाउनलोड करना होगा। इसमें 1 से लेकर 10वीं कक्षा तक का उल्लेख है। जिस कक्षा के स्टडी मटेरियल चाहिए, उसमें क्लिक करना होगा। इसके बाद उसमें कोर्स की किताबों के नाम आएंगे। किताब पर क्लिक करने के बाद उसमें स्कैन का विंडो खुलेगा। उसमें किताब में दिए स्कैन कोड को सामने रखने में चंद सेकंड में ही कनेक्ट कर लेता है। इसके बाद मोबाइल में ऑडियो और विडियो दोनों आने लगता है। इस तरह पाठ में बताई गई बातें बच्चे देख और सुन दोनों सकेंगे।
- मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर बच्चे क्लासरूम में आसानी से पढ़ेंगे।
- इसके लिए स्कूल में इंटरनेट जरूरी है। अभी 250 स्कूलों में शुरुआत हुई है।
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किताब की छपाई पर बचेगा खर्च
हर साल कोर्स की किताबें प्रिंट नहीं करानी पड़ेगी। पाठ्यक्रम में गड़बड़ी हुई तो ऑनलाइन करेक्शन कर सकेंगे। नई तकनीक से शिक्षक-छात्र हो सकेंगे परिचित। घर हो बाहर किसी भी स्थान पर बच्चे पाठ पढ़ सकेंगे। कोई पीरियड मिस हुआ तो इससे कवर कर सकेंगे। महंगे स्कूलों के मटेरियल शासकीय स्कूल में पहुंचे।
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2 साल के भीतर हो सकता है डिजिटल पाठ्यक्रम
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने शिक्षा सत्र 2019-20 से इसकी शुरुआत की है। इसमें सफलता मिली तो आने वाले तीन साल के भीतर इसे पूरी तरह लागू करने का प्रयास किया जाएगा। टीचर्स को पहले ट्रेंड किया जा रहा है ताकि वह क्लास में बच्चों को किताबों के साथ ऑडियो और विजुअल तरीके से पढ़ा सकें।
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नई सिस्टम में है रीडिंग व विजुअल समेत पांच चीजें
अभी तक किसी भी कक्षा की पढ़ाई में रीडिंग, राइटिंग, लिसनिंग और स्पीकिंग होता था। लिसनिंग का काम टीचर्स से होता था। रीडिंग, राइटिंग और स्पीकिंग छात्र खुद कर सकता है। इसमें एक नई चीज जुड़ गई है। वह है व्यू यानी अब बच्चा अपने पाठ में बताई गई चीजों को देख भी सकेगा। इससे बच्चों को रीडिंग, राइटिंग, लिसनिंग, स्पीकिंग के साथ विजुअल भी मिल सकेगा।