
बिलासपुर. यूजीसी ने इस सत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर का 10 साल बाद सिलेबस बदल दिया है। यूनिवर्सिटी सिलेबस को वेबसाइट पर अपलोड कर रही है। अब ऐसे में भूगोल के सिलेबस में बड़ा बदलाव हुआ है। एमए भूगोल के छात्र इस बार नरवा, घुरवा और बारी के बारे में पढ़ाई करेंगे। इसे कृषि भूगोल के सिलेबस में शामिल किया गया है। इसके अलावा जैविक खाद, किसान क्रेडिट कार्ड, मिट्टी का परीक्षण, कीट नाशक दवाइयों की जानकारी, अच्छे बीज आदि के बारे में इस सत्र में भूगोल के छात्रों को पढ़ाया जाएगा।
ग्रीन बेल्ट और स्मार्ट सिटी कांसेप्ट को भी भूगोल के सिलेबस में शामिल किया गया है। ऐसे में छात्रों को थ्योरी से ज्यादा फील्ड वर्क करना होगा। उन्हें शहर व गांवों की हकीकत को जानने के साथ उनकी समस्याओं को दूर करने का काम करना होगा। अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी ने पीजी के 13 विषय का सिलेबस वेबसाइट पर अपलोड किए हैं। इसमें एमए हिंदी, संस्कृत, इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, भूगोल, एमएससी बॉटनी, जूलॉजी, जीओलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, एमकॉम, एमएससी बायोटेक्नॉलॉजी, एलएलबी का सिलेबस शामिल है।
भूगोल के छात्रों का फील्ड वर्क अब गर्मी की जगह सर्दी में होगा
सिलेबस बदला है, छात्रों को इसकी जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेजों ने अभी तक एक भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। अब ऐसे में पीजी के छात्रों को इस बार ध्यान रखना होगा कि वे किताब लेने से पहले सिलेबस को चेक कर लें। सीएमडी कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पीएल चंद्राकर ने बताया कि 18 विषय थे, जिसे कम करके 12 किया गया है। वहीं गर्मी के समय छात्रों को फील्ड वर्क करने में परेशानी होती थी, जिसे ध्यान में रखते हुए ठंड में कर दिया गया है। लैब वर्क गर्मी के समय में होगा। सर्वे के लिए नए इंस्टूमेंट को शामिल किया गया है।
यूजीसी ने पर्यावरण के सिलेबस में भी बदलाव किया है। इसमें भी प्रोजेक्ट की जगह फील्ड वर्क शामिल कर दिया गया है। पर्यावरण के छात्रों को तालाब, जंगल और गार्डन जाकर वहां के वातावरण को देखना है। इसके आधार पर अन्य जगहों पर भी वैसा वातावरण बनाने प्रयास करना है। हालांकि यूजीसी ने सिलेबस बदला है, पर यूनिवर्सिटी ने अभी तक इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है।