भिलाई। 15 अक्टूबर, 2024, (सीजी संदेश) : डा. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर द्वारा 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धम्म ग्रहण किये जाने व इसकी 68वीं वर्षगांठ के अवसर पर चन्द्रमणि बुद्ध विहार कैम्प 1 भिलाई तथा पंचशील बुद्ध विहार खुर्सीपार मे धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस समारोह का आयोजन किया गया जो दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मेश्राम के मुख्य आतिथ्य मे संपन्न हुआ। समारोह मे अनेक बौद्ध उपासक उपासिकाऐ उपस्थित थी।
समारोह के प्रारंभ मे सर्वप्रथम तथागत भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा और डा. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा व तैलचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किये गए। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अनिल मेश्राम ने कहा कि डा. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर ने धार्मिक कुरीतियो के विरूद्ध जाकर विज्ञान व कर्म पर आधारित बौद्ध धम्म को अपनाकर हमे सम्मान से जीने का हक दिया, उनके जातिविहीन समतामूलक समाज की स्थापना के उद्देश्य से 14 अक्टूबर 1956 को चलाये गये इस धम्म चक्र की गति को हमे गतिमान रखना होगा और बौद्ध संपदा व संस्कृति को संरक्षित रखना होगा। पंचशील बुद्ध विहार समिति के अध्यक्ष भागवत शेंडे ने कहा कि सबसे पहले हमे अपने घर को परिवार को बौद्धमय करना होगा तभी हम समाज को और डा. बाबासाहेब आम्बेडकर की सोच के अनुरूप अंधऋद्धा से मुक्त कर्म पर आधारित बौद्धमय भारत बना पायेंगे। चंद्रमणि बुद्ध विहार समिति के गौतम खोब्रागड़े ने कहा कि जिस तिथि को डा. बाबासाहेब आम्बेडकर ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली उसी तिथि 14 अक्टूबर को ही धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस समारोह आयोजित किये जाने चाहिए क्योकि हम शस्त्र के पुजारी नही है इसलिए डा. बाबासाहेब आम्बेडकर की धम्म मे जन्म की तिथि 14 अक्टूबर ज्यादा महत्वपूर्ण है। संगीता पाटिल ने कहा कि भारत की सभी महिलाओ की आजादी, उनके विकास और उन्नति मे अमूल्य योगदान डा. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर का रहा है, उनके द्वारा दिये गये संवैधानिक अधिकारो के कारण ही आज एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश की राष्ट्रपति बन पाई है। इस अवसर पर अनिल मेश्राम द्वारा कैम्प 1 मे निर्माणाधीन बुद्ध विहार हेतु दस हजार रुपए की सहयोग राशि प्रदान की गई। दोनो बुद्ध विहारो मे बौद्ध समाज के अनेक बौद्ध उपासक व उपासिकाऐ उपस्थित थी।