भिलाई 14 नवंबर 2024। चरोदा के मार्शलिंग यार्ड के पास ट्रेन की भिड़ंत होने की सूचना मिली। ट्रेन के आपस में टकरा जाने के बाद अफरा तफरी मच गई । चारों ओर रेलवे का सायरन बजने लगा रेलवे कर्मचारी अलर्ट हो गए। घटनास्थल पर पहुंचकर मोर्चा रेस्क्यू टीम ने संभाली। कई लोग घायल हो गए थे तो कई लोग चीख पुकार कर रहे थे। बाद में पता चला या तो मार्क ड्रिल है। तब कहीं जाकर राहत की सांस ली गई। सेंट्रल रेलवे (SECR) की तरफ से गुरुवार को भिलाई के BMY चरोदा में ट्रेन डिरेल होने को लेकर मॉकड्रिल किया गया। इस दौरान पूरी घटनाक्रम को लाइव दिखाया गया। लगभग 3-4 घंटा तक चले इस रेस्क्यू में ठीक उसी तरह रेस्क्यू का कार्य किया गया, जिस तरह किसी ट्रेन डिरेल होने के समय किया जाता है। 12 बजे BMY चरोदा में यात्रियों और बच्चों से भरी एक ट्रेन की बोगी डिरेल हो जाती है। सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन ने वहां पर एक्सीडेंटल रिलीफ मेडिकल इक्यूपमेंट (ARME) टीम को भेजा। टीम वहां पहुंच जाती है और रेस्क्यू का कार्य शुरू करती हैं । इस दौरान एनडीआरएफ, आरपीएफ और रेलवे प्रशासन की पूरी टीम मौके पर पहुंच गई। पूरे घटना स्थल को सुरक्षा घेरा में तब्दील कर दिया गया। सबसे पहले बम स्क्वायड की टीम पहुंची। उन्होंने डॉग और बम खोजने वाली मशीन से पूरी बोगी को सर्च किया।उनके क्लीयर करते ही एनडीआरएफ की टीम अपने उपकरण के साथ पहुंची। देखते ही देखते खिड़ती और बोगी के दरवाजे को काटकर बोगी के अंदर जाने का रास्ता बनाया गया। इसके बाद स्ट्रेचर में लिटाकर घायलों को बोगी से बाहर निकाला गया। बोगी से घायलों को निकालकर नजदीक में बनाए गए मोडिकल पोस्ट में ले जाया गया। वहां डॉक्टरों और उनकी टीम के द्वारा सभी का प्राथमिक इलाज शुरू किया गया। इसके बाद जो गंभीर थे उन्हें एंबुलेंस में बैठाकर एम्स रायपुर और जिला अस्पताल के लिए रवाना किया गया। लास्ट में घटना में मृत (पुतला) को निकाला गया। इसके बाद उन्हें पास में बनाए गए शव गृह में रखा गया। एनडीआरएम के डिप्टी कमांडेंट कन्हैया योगी ने बताया कि मार्क ड्रील पूरी तैयारी सभी टेक्नीकल इक्यूमेंट के साथ की जाती है। ये पूरी तरह से लाइव होता है, केवल सब्जेक्ट डेमो होता है। एनडीआरएफ की टीम अपने निर्धारित स्टेशन में हमेशा अलर्ट मूड में रहती है।
सूचना मिलते ही वो मौके पर पहुंचती है। उनके साथ साथ वहां रेलवे और सिविल डिफेंस की टीम भी पहुंचती है। जैसे ही एनडीआरएफ की टीम वहां पहुंचती है वो पूरी रेस्क्यू की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेती है। आज रेस्क्यू के दौरान 150 से अधिक लोग एनडीआरएफ, आरपीएफ और रेलवे प्रशासन के मौजूद थे। एडीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि रेलवे के द्वारा समय समय पर इस तरह के मॉकड्रिल कराए जाते हैं। ये पूरी तरह से लाइव की तरह होता है। इससे ये पता चलता है कि हमारी रेस्क्यू टीम कितना अलर्ट और एक्टिव है। दो साल में यह मार्कड्रिल पूरी तैयारी और सभी टेक्नीकल इक्यूमेंट के साथ की जाती है। इसकी जानकारी किसी को है नहीं दिया जाता है।