पलामू. सहजन या मुनगा यह सब्जी गुणों का भंडार है. आयुर्वेद का दावा है कि सिर्फ सहजन ही नहीं, बल्कि इसके पेड़ की पत्तियां, फूल, छाल सभी अंग सेहत के लिए लाभदायक हैं. इससे औषधि भी तैयार की जाती हैं. मेडिकल के क्षेत्र में इसे मोरिंगा भी कहते हैं. इसके फल को अंग्रेजी में ड्रमस्टिक कहा जाता है. मगर, क्या आप जानते हैं ये सेहत के लिए कितना लाभदायक है. कौन-कौन सी बीमारियों में ये रामबाण है. आइए जानते हैं…
मोरिंगा या सहजन मानव जाति के इतिहास में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले पौधों में से एक है। मोरिंगा की खासियत यही है कि इसे पानी की कमी होने की स्थिति में भी उगाया जा सकता है। ये कई तरह के जरूरी पोषक तत्वों, खनिज पदार्थों और विटामिंस का बेहतरीन स्रोत है। यहां तक कि दुनियाभर में इसे सुपरफूड कहा जाता है। अध्ययनों में सामने आया है कि सहजन सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती है और इस वजह से अब ज्यादा से ज्यादा लोग इसका उपयोग करने लगे हैं।खाद्य पदार्थ के अलावा मोरिंगा का इस्तेमाल ईंधन, पशु चारा, उर्वरक और सौंदर्य प्रसाधन एवं इत्र में भी किया जाता है। मोरिंगा के पौधे का इस्तेमाल कई वर्षों से किया जा रहा है। 150 ई.पू. भी मनुष्य द्वारा मोरिंगा के पौधे का प्रयोग किया जाता था। कुछ इतिहासकारों के अनुसार सिकंदर की सेना को हराने के लिए प्रसिद्ध मौर्य सेना प्रमुख सप्लीमेंट के रूप में मोरिंगा का सेवन किया करती थी। आयुर्वेद के अनुसार मोरिंगा में लगभग 300 बीमारियों का इलाज करने की क्षमता है। मोरिंगा की पत्तियों में ही बेहतरीन औषधीय गुण मौजूद होते हैं। सेहतवर्द्धक फायदों के कारण मोरिंगा को चमत्कारी वृक्ष कहा जाता है।
मोरिंगा के बारे में जानकारी
वानस्पतिक नाम: मोरिंगा ओलिफेरा
कुल: फेबेसी
सामान्य नाम: सहजन, सहिजन, ड्रमस्टिक प्लांट, हॉर्सरैडिश ट्री, बेन ऑयल ट्री
संस्कृत नाम: शोभांजन, दंशमूल, शिग्रु शोभांजन
उपयोगी भाग: जड़, छाल, बीज की फली, पत्तियां, पौधे का रस, फूल
भौगोलिक विवरण: मोरिंगा मूल रूप से दक्षिण भारत में पाया जाता है। इसके अलावा सहजन विश्व के उपोष्णकटिबंधीय और कटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है।
गुण: गर्म
मोरिंगा (सहजन) के फायदे और नुकसान
मोरिंगा (सहजन) के फायदे
300 से अधिक बीमारियों का दुश्मन मुनगा गर्मी के दिनों में खूब फलता है. इसकी सब्जी बनती है. छत्तीसगढ़ में इसकी लोकप्रियता बेहद ज्यादा है. इसके फल, पत्तियां, छाल और जड़ सभी गुणों का भंडार हैं. ये 300 से अधिक बीमारियों के इलाज में काम आता है. सहजन में दूध की तुलना में चार गुना अधिक कैल्शियम और दोगुना प्रोटीन मिलता है. इसके रस का सेवन सुबह-शाम करने से उक्त रक्तचाप में राहत मिलती है. पत्तियों का रस पीने से मोटापा कंट्रोल होता है. छाल का काढ़ा पीने और कुल्ला करने से दांतों के रोग दूर होते हैं. पाचन तंत्र भी मजबूत होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. हड्डी भी मजबूत होती है. इसके सेवन से शुगर कंट्रोल होता है. ये एंजाइटी और डिप्रेशन को भी ठीक करता है। आईए जानते हैं किन-किन बीमारियों में मूंगा या सहजन के फायदे हैं।
उच्च रक्तचाप को कम : पोटेशियम की उच्च मात्रा वाले फल और सब्जियां उच्च रक्तचाप को रोकने में सहायक होती हैं। अन्य हरी सब्जियों की तरह सहजन में पोटेशियम, विटामिन और खनीज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। मोरिंगा में केले के मुकाबले तीन गुना अधिक पोटैशियम पाया जाता है। हाई बीपी की समस्या वाले लोगो के लिए मोरिंगा को अपने आहार में शामिल करना एक उत्तम विकल्प है। मोरिंगा शरीर में रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में प्रभावी है। इसमें मौजूद आइसोथियोसाइनेट और निइज़िमिनिन जैसे जैवसक्रिय घटक धमनियों की मोटाई को बढ़ने से रोकते हैं और फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप के विकास को कम करते हैं। हाई बीपी के मरीज़ो को इसकी पत्तियों का रस निकालकर काढ़ा बनाकर देने से लाभ मिलता है। साथ ही इसका काढ़ा पीने से घबराहट, चक्कर आना, उल्टी में भी राहत मिलती है।
बच्चों के लिए : ड्रमस्टिक यानी की सहजन की फली में कैल्शियम पाया जाता है जो बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जिससे हड्डियां और दाँत दोनों ही मजबूत बनते हैं। इसे गर्भवती महिलाओं को देने से उनके होने वाले बच्चों में कैल्शियम की मात्रा भरपूर मिलती है। जिससे होने वाला शिशु तंदुरस्त होता है। इसके साथ ही इसमें लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस की उचित मात्रा पाई जाती है, जो कि शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
मोटापे में लाभदायक : मोटापा और शरीर की बढ़ी हुई चर्बी को दूर करने के लिए मोरिंगा को एक लाभदायक औषधि माना गया है। इसमें फास्फोरस की मात्रा पाई जाती है जो कि शरीर की अतिरिक्त कैलोरी को कम करती है और साथ ही वसा को कम कर मोटापा कम करने में सहायक होती है। सहजन की पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे धीरे कम होने लगता है। माना जाता है कि चयापचय को बढ़ाने के लिए मोरिंगा का सकारात्मक प्रभाव होता है। यह आपके शरीर की कैलोरी जलाने में भी मदद कर सकता है। मोरिंगा की पत्तियाँ फाइबर युक्त होती है और वजन कम करने के लिए मोरिंगा को अपने आहार में शामिल करना एक अच्छा विकल्प है।
त्वचा को रखें जवां : सहजन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो आपकी त्वचा को कई प्रकार के संक्रमण से बचते हैं। यह प्रदूषण, पसीना, और कुछ रासायनिक उत्पादों की वजह से आपकी त्वचा पर मौजूद हानिकारक विषाक्त पदार्थों के प्रभावों को बेअसर करता है। आपकी त्वचा को प्रभावी ढंग से हाइड्रेट और डिटॉक्सीफाई करता है। इसके अलावा मोरिंगा में प्रोटीन अधिक होता है जो त्वचा की कोशिकाओं को पारा (mercury) और कैडमियम के कारण होने वाली क्षति से बचता है। इसी कारण से, मोरिंगा का प्रयोग कई त्वचा की देखभाल करने वाले उत्पादों में किया जाता है। सहजन में विटामिन A भरपूर मात्रा में पाया जाता है। चूँकि विटामिन A त्वचा की सुंदरता को बनाएं रखता है। इसलिए सहजन के तेल का प्रयोग सौंदर्य प्रणाली के लिए भी किया जाता है। इसकी फली की सब्जियां खाने से या फिर मोरिंगा सीड्स का तेल लगाने से त्वचा में हमेशा चमक बनी रहती है। जिससे त्वचा शुष्क और मुरझाई हुई नहीं दिखती है। ड्रमस्टिक में लोहा पाया जाता है जो खून को साफ रखता है। जिससे यह चेहरे पर होने वाले पिंपल्स को ख़त्म करता है और त्वचा की सुंदरता और चमक बनाए रखता है।
पाचन समस्याओं के लिए : मोरिंगा में मौजूद आइसोथियोसाइनेट्स प्रभावी रूप से पाचन तंत्र की विभिन्न समस्याओं जैसे अल्सर, गैस्ट्र्रिटिस और कब्ज का इलाज करने में उपयोगी होते हैं। यह दवा की दुकान पर मिलने वाली एंटासिड्स दवाईओं का एक बेहतर हर्बल विकल्प है। सहजन में एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो हेलीकॉक्टर पिलोरी और कोलिफोर्म बैक्टीरिया जैसे दस्त का कारण बनने वाले रोगजनकों के विकास को रोकते हैं और दस्त जैसी अन्य समस्याओं को कम करते हैं। मोरिंगा ओलिफेरा का उपयोग करने से पाचन से जुड़ी सभी समस्याएं जैसे हैजा, दस्त, पेचिस, पीलिया, कोलाइटिस को दूर करने में सहायक होता है। इसके लिए इसकी पत्तियों के 1 चम्मच रस में, 1 चम्मच शहद और नारियल पानी मिलाकर पीने से इन सभी रोगों में आराम मिलता है। इसकी फली की सब्जियां बनाकर खाने से कब्ज जैसे रोगों में आराम मिलता है। साथ ही इसकी सब्जी से गुर्दे और मूत्राशय में जमी पथरी पिघलकर निकल जाती है।
बीज करें सिरदर्द को दूर : सहजन में सूजन और दर्द को कम करने वाले गुण होते हैं जिनकी की वजह से यह शरीर में विभिन्न प्रकार के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। यह गठिया, जोड़ों का दर्द, माइग्रेन और सिरदर्द जैसे अन्य समंस्याओं के इलाज के लिए में लाभकारी होता है। मोरिंगा की जड़ो से लेकर पौधे के रस तक इसका हर हिस्सा हमारे स्वास्थ के लिए गुणकारी होता है।मोरिंगा के पत्तों का पेस्ट घाव पर लगाया जाता है और इन पत्तों की सब्जी भी सिर दर्द में राहत देने में मदद करती है। सहजन के पत्तों को पीसकर गर्म कर सिर में लेप लगाने या इसके बीज को घीसकर सूंघे से सिर दर्द दूर हो जाता है। इसके बीज का पाउडर का उपयोग नस्या (nasya) उपचार के दौरान सिरदर्द को दूर करने के लिए किया जाता है।
ड्रमस्टिक के फायदे बढ़ाएं शुक्राणुओं की संख्या : शोध में पाया गया कि सहजन के फल का नियमित रूप से सेवन करने पर शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है और यह शुक्राणुओं की संख्या के साथ साथ उनकी गतिशीलता दोनों को बढ़ाने में मदद करता है। मोरिंगा में जिंक की मात्रा पायी जाती है जो शुंक्राणु के उत्पादन और मजबूत लिंग निर्माण के लिए फायदेमंद है।सहजन का फल शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए जाना जाता है। पुरुषों में यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और वीर्य को गाढ़ा करने में मदद करता है। महिलाओं के लिए सहजन का सेवन माहवारी संबंधी परेशानियों के अलावा गर्भाशय की समस्याओं से भी बचाता है। इस मामले में यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए फायदेमंद हैं।
बालों के लिए लाभ : मोरिंगा स्वस्थ बालों के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों का एक भंडार है। सहजन में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, तांबा और मैंगनीज जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं जो स्वस्थ बालों के लिए लाभकारी है। विशेष तौर पर सजहन में मौजूद विटामिन ए और विटामिन इ की मौजूदगी इसे बालों के लिए फायदेमंद बनाती है। क्यूंकि विटामिन इ एक एंटीऑक्सीडेंट है और यह रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर सिर की त्वचा को स्वस्थ बनाये रखता है जो बालों के स्वस्थ विकास के लिए लाभकारी है।
मोरिंगा के अन्य फायदे
* मोरिंगा की पत्तियों के रस को निकालकर कान में डालने से कान का दर्द आसानी से दूर हो जाता है।
* सहजन में विटामिन C पाया जाता है जो कि सर्दी-जुकाम जैसी छोटी बीमारियों में भी दवा का काम करता है।
* सहजन की पत्तियों को पीसकर सिर पर लगाने से माइग्रेन से परेशान व्यक्ति के सिर का दर्द भी ठीक हो जाता है।
* दांतो में लगने वाले कीड़े और मुँह के रोग जैसे पायरिया में इसकी पत्तियों को चबाने से आराम मिलता है।
* इसकी फली के सेवन से खून साफ होता है, आँखो की रोशनी तेज होती है। सहजन की पत्तियों को सुखाकर उसकी चटनी भी बनाई जाती है। जो कि आँखो के रोग और रक्त की कमी में भी सहायक होती है।
* सहजन की फली का सेवन करने से गर्भवती महिलाओ को डिलिवरी के वक्त ज्यादा दर्द नहीं होता है और होने वाले बच्चे स्वस्थ रहते हैं।
* जिन लोगो के पैर में मोच आ गई हो उनके लिए मोरिंगा की पत्ती को सरसों के तेल में पकाकर मोच वाले स्थान पर रखने से जल्दी आराम मिल जाता है। साथ ही इसकी पत्तियां कई प्रकार के घाव और सूजन को भी ठीक करने में सहायक होती है।
* कई अध्ययनों से पता चला है कि मोरिंगा मधुमेह को कम करने और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव देने वाला है।
* मोरिंगा के फूल पेट के कीड़ों को कम करने के लिए उपयोग किया जाते हैं। यह पित्त और कफ का संतुलन बनाएँ रखता है।
मोरिंगा (सहजन) के नुकसान
* यह जलन में वृद्धि का कारण बनता है। इसलिए जठरशोथ (gastritis) या संवेदनशील पेट वाले लोगों को इस सब्जी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
* मासिक धर्म के समय इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह पित्त बढ़ाता है।
* ब्लीडिंग डिसऑर्डर के दौरान इसको लेना अच्छा नहीं माना जाता है।
* सहजन फल प्रोटीन, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। इसलिए यह गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन सहजन के पत्ते, जड़ की छाल और फूलों को गर्भावस्था के दौरान नहीं लेना चाहिए।
* प्रसव के तुरंत बाद इसका सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि, प्रसव के कुछ हफ़्ते बाद, यह प्रयोग किया जा सकता है।
कैसे करें सहजन का उपयोग
सहजन के पेड़ का हर हिस्सा जड़ से लेकर पत्ते तक शरीर के लिए लाभकारी होता है। यदि इसका सही तरिके से उपयोग किया जाये तो यह स्वास्थ के लिए चमत्कारी साबित हो सकता है। मोरिंगा का उपयोग आप निम्न रूपों में कर सकते हैं।
मोरिंगा के बीज़ : मोरिंगा के बीज में फाइबर अधिक होता है जो आपके पाचन तंत्र के लिए फादेमंद है।
सहजन के पत्ते : आप मोरिंगा की पत्तियों का सेवन अपनी इच्छा अनुसार कर सकते हैं। मोरिंगा की पत्तियों को सलाद में खाया जा सकता है या जूस बनाकर पिया जा सकता है।
मोरिंगा पॉवडर : खाना पकाने के दौरान मोरिंगा पाउडर सूप और सब्जी में मिलाया जा सकता है, लेकिन खाना पकाने के अंत में या खाने से पहले पकवान में इसका मिश्रण करने से अधिक पोषण उपलब्ध होता है।
मोरिंगा की फली : मोरिंगा फली काफी पौष्टिक होती है और इसे विभिन्न तरीकों से खाया जा सकता है। जैसे उबालकर, तलकर, सब्जी में मिलाकर आदि।
मोरिंगा या सहजन का किसी भी रूप और किसी भी समय सेवन किया जा सकता है। मोरिंगा खाने के लिए कोई विशेष निर्देश नहीं होते बिलकुल उसी तरह जैसे की अन्य फलों और सब्जियों की तरह आप इसका भी सेवन कर सकते है।
Disclaimer : इस खबर में दी गई औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. बीमारी या किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए अपने डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें।