दुर्ग। शहर में सोने का बाजार गुलजार है। इसका कारण है कि लोगों के पास नकदी पैसा भी आया है और देश में आर्थिक मंदी है। आर्थिक मंदी के चलते सोने के भाव अच्छे हैं और ऐसे में सोना निवेश का अच्छा साधन माना जाता है। चूंकि छत्तीसगढ़ में कर्ज माफी के बाद किसानों के पास पैसा आया। किसानों ने पिछले सीजन में अच्छी खरीदारी की। कर्जमाफी से शादी-ब्याह भी धूमधाम से संपन्न हुए और ज्वैलरी की अच्छी खरीदी हुई। इस वजह से छत्तीसगढ़ में सोना का बाजार गुलजार है। शहर के सराफा मार्केट के एक व्यापारी ने बताया कि कर्जमाफी से लोगों के पास पैसा आया और मार्केट में मंदी के कारण सोने के भाव चढ़े। सोना मंदी के माहौल में सुरक्षित निवेश का माध्यम बनता है। यह अच्छा संयोग बना और लोग सोना खरीदने आगे आए। व्यापारियों ने बताया कि लोग सोना कई कारणों से खरीदना पसंद करते हैं। पिछले दशक से सोने का भाव देखें तो लगातार एक अच्छा ट्रेंड सोने में रहा है और आड़े वक्त में सोना आप आसानी से निकाल सकते हैं। कर्जमाफी के बाद और 2500 रुपए धान खरीदी का रेट देने से किसानों के पास पैसा आया। शादी-ब्याह करने में सुविधा हुई और सोने का भाव चढ़ गया। अभी जब पूरे देश में मंदी का माहौल है तो देश भर में सोने की खरीदारी उस तरह से चढ़ नहीं पाई क्योंकि दूसरे राज्यों में लोगों के पास नगदी की थोड़ी कमी है। छत्तीसगढ़ में सरकार के फैसलों से बाजार में कैश फ्लो पर्याप्त हुआ और इसका असर ज्वैलरी और सोने में भी दिखा। व्यापारियों ने बताया कि सोना स्थायी निवेश होता है। महिलाएं सोना इसलिए भी खरीदना पसंद करती हैं क्योंकि यह स्त्रीधन के रूप में रहता है। सराफा मार्केट में शापिंग करने आये चंदर साहू ने बताया कि उनकी कृषि यंत्र और खाद-बीज की दुकान है। इस बार किसानों ने अच्छी खरीदी की है तो उनके पास भी कुछ बचत हो पाई है। उनके फाइनेंशियल एडवाइजर ने उन्हें सलाह दिया कि निवेश का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अलग-अलग क्षेत्रों में थोड़ा-थोड़ा निवेश करो। इसके लिए मैंने गोल्ड खरीदने का निश्चत किया है और यहां आया हूँ। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की नीतियों से यहां बाजार काफी संभल गया क्योंकि बाजार की रीढ़ की हड्डी किसान होते हैं यदि किसान के पास पैसा आया तभी व्यापारियों तक पहुंचेगा। एक तरह से यह अर्थव्यवस्था के पूरे चक्र को नियंत्रित करता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्केट में कैश फ्लो बढ़ाकर पूरे बाजार को जीवंत कर दिया। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने नौ हजार करोड़ रुपए की कर्जमाफी किसानों को की एवं 2500 रुपए में धान खरीदी की, इससे न केवल किसानों को आर्थिक मदद मिली, वे खेती के सुधार के लिए और अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए खरीदी कर सके तथा बचत रकम के निवेश के लिए भी आगे आ सके।
देश में आर्थिक मंदी और छत्तीसगढ़ में कर्जमाफी के डबल फैक्टर से…..सोने का मार्केट गुलजार
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