भिलाई 25 जनवरी 2023।दुर्ग पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अभिषेक पल्लव को उनके कर्तव्य और अदम्य साहस के लिए पीएमजी पुलिस मेडिकल ऑफ गारंटीड अवार्ड से नवाजा गया है। इस अवार्ड की घोषणा के बाद से ही एसपी अभिषेक पल्लव को बधाई एवं शुभकामनाएं देने का सिलसिला शुरू हो चुका है। उनके चाहने वाले एवं प्रशंसक फोन, फेसबुक, व्हाट्सएप एवं स्वयं मिलकर गुलदस्ता भेंट कर बधाई दे रहे हैं। गौरतलब हो कि दुर्ग जिले के कमाल संभालने के बाद लगभग सभी मामले को एसपी ने सुलझाया है। अपराधी से बात करने की उनकी कला बड़ा बेजोड़ है, जिसे आम जनता से लेकर अपराधी भी उन्हें मानते हैं। डायरेक्ट फेसबुक पर कभी भी ऑनलाइन शुरू हो जाते हैं। एसपी अभिषेक पल्लव अपराधी का तो इलाज करते ही हैं, इसके साथ ही आम जनमानस का मनोरोग चिकित्सक होने के कारण मुफ्त में चिकित्सा सुविधा प्रदान करते हैं। एसपी ने मंगली @ बंदी @ हेमला मंगली सीपीआई (माओवादी) की दरभा डिवीजनल कमेटी की मेडिकल टीम का कमांडर था, 8 लाख का इनाम था, जबकि छोटा देवा @ देवा कवासी भाकपा (माओवादी) के प्लाटून नंबर 26 का डिप्टी सेक्शन कमांडर था, 5 लाख का इनामी था। दोनों माओवादी 9 अप्रैल 2019 को तत्कालीन दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी के रिसी और आईईडी विस्फोट में सक्रिय रूप से शामिल थे। दोनों को एनआईए चार्जशीट में आरोपी नंबर 24 और 25 के रूप में उल्लेख किया गया है। जहां मंगली ने एक महीने श्यामगिरी गांव की रेकी की है, जहां आईईडी ब्लास्ट हुआ है, वहीं माओवादी देवा ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग की है। विधायक भीमा मंडावी की हत्या के तीन महीने बाद 14 जुलाई 2019 को माओवादी मंगली और माओवादी देवा को निष्प्रभावी कर दिया गया, जिसने दंतेवाड़ा में सुरक्षा बलों के मनोबल को पुनर्जीवित कर दिया और सुरक्षा बलों को बढ़त हासिल करने में मदद की। पुलिस- माओवादियों के बीच मुठभेड़ मलंगीर एरिया कमेटी (गुमियापाल-हिरोली गांव) के कोर एरिया में हुई. इस क्षेत्र में पूर्व में सुरक्षा बलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था (हिरोली से 19 टन विस्फोटक लूटे गए थे और 2006 में उसी गांव से 9 सीआईएसएफ जवान लूटे गए थे)।पुलिस अधीक्षक ने अपने मुखबिरों के माध्यम से गुमियापाल गांव में माओवादियों के ठिकाने के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त की, पूरे ऑपरेशन की निगरानी की, सुरक्षा बलों को जमीनी नेतृत्व प्रदान किया। सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। जमीन पर एसपी की उपस्थिति ने सुरक्षाकर्मियों को प्रेरित किया और जमीन पर विभिन्न टुकड़ियों के बीच मिनट संपर्क स्थापित किया। पुलिस अधीक्षक के साथ ईओएफ स्थल पर मौजूद गुप्त मुखबिरों की मदद से मृत माओवादियों की पहचान की गई। जमीन पर एसपी की उपस्थिति ने आग खोलने पर सटीक निर्णय लेने में मदद की और ग्रामीणों के किसी भी संपार्श्विक क्षति को रोकने में मदद की। माओवादी मंगली डीवीसीएम विनोद (2013 में झीरम हमले के मास्टरमाइंड में से एक) की बेटी और मंडल कमांडर जगदीश कुर्रम की पत्नी थी। प्यारी बेटी मंगली की हत्या से मंडल कमांडर विनोद हेमला का स्वास्थ्य बिगड़ गया और 2021 में जंगलों में उनकी मृत्यु हो गई, जिसे उनके साहित्य में माओवादियों ने स्वीकार किया। पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में माओवादियों के मुख्य क्षेत्र में 70 से भी कम सुरक्षाकर्मियों ने अभियान चलाया और सफलता हासिल की। विस्तृत योजना और निष्पादन ने सुरक्षा बलों को सफलता प्राप्त करने में मदद की और माओवादियों को पीछे हटने और भागने के लिए मजबूर किया। ईओएफ साइट से एक महिला माओवादी को भी पकड़ा गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अपराधियों के जड़ से इलाज करने वाले डॉक्टर को मिला ग्रेरेंटी अवार्ड,,,, जिनके नाम से नक्सलियों के सीने में लौटता है सांप,,,, बधाई देने वालों का लगा ताता

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