भिलाई। 07 सितम्बर, 2025, (सीजी संदेश) : स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया का दसवां राष्ट्रीय सम्मेलन राउरकेला में कामरेड तपन सेन के झंडा फहराने के साथ प्रारंभ हुआ, फेडरेशन के लीडर एवं सम्मेलन में आए हुए तमाम प्रतिनिधि साथियों ने शहीद वेदी पर पुष्प चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी l तत्पश्चात कामरेड विष्णु मोहंती ने शोक प्रस्ताव पेश किया और मौन धारण कर श्रद्धांजलि दिया गया। सम्मेलन को सुचारू रूप से संपन्न करने हेतु गठित स्वागत समिति के अध्यक्ष मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उड़ीसा के विधायक कॉमरेड लक्ष्मण मुंडा ने सम्मेलन के उद्धघाटन सत्र को संबोधित करते हुए सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया एवं सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
तपन सेन ने किया सम्मेलन का उद्धघाटन
सम्मेलन का उद्धघाटन करते हुए तपन सेन ने कहा कि दसवां राष्ट्रीय सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब इस्पात उद्योग एवं राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ पूरा विश्व संकट के दौर से गुजर रहा है। पूंजीवादी व्यवस्था के उत्पादन एवं वितरण प्रणाली के चलते पूंजीवाद संकट में आता है एवं उस संकट से मजदूर लड़ ना पाए इसके लिए पूंजीपतियों के इशारे पर मजदूर विरोधी नीतियां एवं कानून लाया जा रहा है। बढ़ रहे संकट में मेहनतकशों को एक होने से रोकने के लिए समाज में धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, भाषा एवं अन्य तरीके अपना कर विभाजन किया जा रहा हैं किन्तु पूंजीवाद के लाख कोशिश के बावजूद मजदूर लड़ता भी है और जीतता भी है।
मंजूर नहीं है सरकार का BOT मॉडल
सम्मेलन में तपन सेन ने कहा कि BOT मॉडल हमें मंजूर नहीं है। BOT मॉडल का मतलब है बिल्ड ऑपरेट और ट्रांसफर अर्थात सरकारी पैसे से निर्माण करो कुछ समय तक करो उसके बाद निजीकरण करते हुए निजी पूंजीपतियों के हवाले कर दो l विकास के लिए आधुनिकीकरण जरूरी है किंतु BOT मॉडल के तहत मौजूदा आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण के लिए सरकार आम जनता के मेहनत का पैसा लगा रही है उसे कुछ दिन संचालित करने के बाद पूंजीपतियों के हाथ में सौंप रही हैं जिस के विरोध में संघर्ष को मजबूत करते हुए सरकार के इस कदम को रोकना होगा।
लड़ेंगे तो जीतेंगे जरूर
देश के उद्योग जगत एवं देश पर जो खतरा आ रहा है उसको रोकने के लिए शॉप फ्लोर स्तर से लेकर हर स्तर पर मेहनतकश को संगठित करना होगा राजनीतिक समझदारी के साथ कर्मियों के बीच जाना होगा एवं राजनीतिक चेतना को बढ़ाते हुए संघर्षों को तेज करना होगा, लड़ाई जीतने में देरी हो सकती है किंतु लड़ाई जीतेंगे जरूर l
वेतन समझौता और बोनस को लेकर और तेज करना होगा आंदोलन
सम्मेलन में सीटू नेताओं ने कहा कि पहले पांच-पांच साल का वेतन समझौता होता था बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में प्रबंधन ने 10 साल के समझौते में धकेल दिया है। 2017 से दसवां वेतन समझौता शुरू हुआ। अभी लगभग 104 महीना बीत जाने के बाद भी वेतन समझौता की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है वही प्रबंधन सेंट्रल लेबर कमिश्नर के सामने बोल चुका है कि एरियर्स देने के बारे में मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग में कुछ भी नहीं लिखा गया है इसीलिए एरियर्स देना प्रबंधन की बाध्यता नहीं है। प्रबंधन बहुमत से MOU कराने के बाद यह बात कह रही हैं किंतु हम एरियर्स मिलते तक संघर्ष को जारी रखेंगे और अपना हक लेकर रहेंगे।
तपन सेन अध्यक्ष, विश्वरूप बैनर्जी कार्यकारी अध्यक्ष एवं ललित मोहन मिश्रा महासचिव बने फेडरेशन सम्मेलन में
सम्मेलन में पेश किए गए रिपोर्ट पर बहस करने के पश्चात दिए गए जवाब के साथ रिपोर्ट पास किया गया उसके बाद सम्मेलन की अंतिम कड़ी में 35 सदस्यों वाली नई पदाधिकारी समिति एवं 76 सदस्यों वाली कार्यकारिणी समिति का चुनाव किया गया जिसे सम्मेलन ने सर्वसम्मति से चुन लिया। जिसमें तपन सेन अध्यक्ष, विश्वरूप बैनर्जी कार्यकारी अध्यक्ष,ललित मोहन मिश्रा महासचिव एवं सपन सरकार कोषाध्यक्ष चुने गए फेडरेशन के केंद्रीय समिति में एसपी डे एवं डीवीएस रेड्डी दोनों उपाध्यक्ष चुने गए वही जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी और संतोष कुमार प्रुष्टि कार्यकारिणी सदस्य चुने गए एवं दो कार्यकारिणी पदों को रिक्त रखा गया वहीं हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन भिलाई पी सिमैय्या सचिव एवं शशिकांत कार्यकारिणी सदस्य चुने गए।