दुर्ग। 05 जनवरी, 2025, (सीजी संदेश) : मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह व विशिष्ट अतिथि उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के आतिथ्य में आज नगर पालिक निगम दुर्ग सीमा क्षेत्र अंतर्गत सर्किट हाउस के समीप त्याग और समर्पण के प्रतीक प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी पंडित लखनलाल मिश्र के प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी के जीवन पर आधारित किताब का विमोचन भी किया गया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी पंडित लखनलाल मिश्र छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रतीत थे। उन्होंने ऐसे समय में चुनौती बनकर अपनी ताकत दिखाई जब अंग्रेजो का शासन था। उनका जीवन स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में त्याग, साहस और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ के एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखते थे और उनके पारिवारिक परिवेश में सामाजिक सेवा और देश-भक्ति की गहरी जड़े थीं। वे ब्रिटिश प्रशासन का हिस्सा जरूर थे, लेकिन उनके भीतर जल रही राष्ट्र-प्रेम की ज्वाला कभी मंद नही हुई। पुलिस की वर्दी पहने होने के बावजूद वे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों और गांधी जी के सिद्धांतों के प्रति गहरी आस्था रखते थे और स्थानीय क्रांतिकारियों के बहुत सहयोग किया करते थे। पंडित मिश्र ने छात्रों, युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गाे को संगठित कर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
प्रतिमा का विधिवत लोकार्पण करते हुए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी पंडित लखनलाल मिश्र की मूर्ति की स्थापना से दुर्ग व जिले से आने-जाने वाले युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। युवा इससे सीख लेंगे कि जीवन में कैसे काम किया जाना चाहिए। यह मूर्ति आने वाले 600 वर्षों तक नवयुवकों को प्रेरणा देती रहेगी। उन्होंने कहा कि जब-जब राष्ट्रवादी विचारों की सरकार होगी, तब-तब स्वतंत्रता संग्राम लड़ने वाले सभी परिवारों का पूरा सम्मान होता रहेगा। उनकी जीवनी से सीख मिलती है कि देश के लिए समाज के लिए कोई बड़ा बलिदान देता है तो समाज उतना ही उनका सम्मान करती है। पंडित लखन लाल मिश्र ने लगातार दो वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने देश के लिए अपने नौकरी का त्याग किया और कभी भी पलटकर नौकरी को स्वीकार नही किया। यह पूरे समाज की धरोहर है, हम सब का सम्मान इनके प्रति है और इनसे प्रेरणा लेने के लिए हमे अपने युवाओं को प्रेरित करते रहना चाहिए। 16 मार्च 1984 को पंडित मिश्र ने अपनी जन्मभूमि मुरा में अंतिम साँस लीं। आने वाली पीढ़ियों के लिए वे प्रेरणा बन गये। उनके जीवन से यह सीख मिलती है कि पद और परिस्थितियों से ऊपर उठकर, सच्ची राष्ट्रसेवा का मार्ग अपनाया जा सकता है। उनकी गाथा छत्तीसगढ़ और पूरे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सदैव अमर रहेगी।
इस अवसर पर सांसद विजय बघेल, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव, संभागायुक्त सत्यनाराण राठौर, आईजी रामगोपाल गर्ग, कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, निगम कमिश्नर सुमित अग्रवाल, एसपी जितेंद्र शुक्ला, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी मुरली मनोहर खंडेलवाल, सेवानिवृत्त आईएएस गणेश शंकर मिश्र सहित परिवार के सदस्य एवं जनप्रतिनिधि तथा आमजनता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।