भिलाई। श्रीराम जन्मोत्सव समिति एवं जीवन आनंद फाउण्डेशन द्वारा आयोजित श्रीराम ज्ञानयज्ञ एवं श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के छठें दिन आज कथावाचक राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू ने श्रीराम चरित मानस को भारतीय भावनाओं का पिटारा बताया। उन्होंने कहा कि भक्ति धारा की गहराई में उतर जाना ही श्रीराम को पा लेना है। प्रभू को पुकारना है तो उसमें प्रेम और प्रीत दोनों चाहिए। चिन्मयानंद बापू ने कहा कि बिना समर्पण के भगवान नहीं मिलते। श्रीराम कथा के राम-सीता प्रसंग का बखान करते हुए उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम व सीता का विवाह कोई आम विवाह नहीं है। यह तो भक्ति स्वरूपा मां सीता और ज्ञानमयी राम का मिलन है। विवाह के समय लिए जाने वाले सात फेरे व सात वचन गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाते हैं। पति व पत्नी दोनों को ही सात फेरे व सात वचनों को निभाना चाहिए। इससे उनके जीवन में कोई कष्ट नहीं होगा, जीवन में सदैव आनंद ही आनंद होगा। चिन्मयानंद बापू ने कहा कि विश्ववामित्र के साथ भगवान राम और लक्ष्मण जनकपुरी पहुंचे। वे अपने गुरुदेव के लिए पूजा के फूल लेने राम-लक्ष्मण बगीचे में जाते हैं, जहां पहले से ही पूजा के फूल लेने के लिए माता सीता अपनी सखियों के साथ मौजूद रहती हैं। जैसे ही सीता की नजर भगवान राम पर पड़ती है, तो उन्हें बचपन में देवर्षि नारद की कही गई बात याद आती है। नारद ने सीता से बचपन में कहा था कि इस बगीचे में कोई भी पुरुष फूल तोडऩे के लिए नहीं आएगा और जब एक श्याम वर्ण पुरुष इस बगीचे में प्रवेश करेगा तो समझ लेना वहीं तुम्हारा जीवन साथी बनेगा।
श्यामवर्ण भगवान श्रीराम को देखकर माता सीता समझ गईं कि यही हैं जो उनके जीवन साथी बनेंगे। संत चिन्मयानंद ने कहा कि मनुष्य के जीवन में सभी संस्कार महत्वपूर्ण हैं। विवाह संस्कार व्यक्ति के गृहस्थ जीवन की शुरुआत होती है। आयोजनस्थल पर आज कथा का श्रवण करने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय सपपत्निक पहुंचे। वहीं पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू एवं दयाराम साहू भी शामिल हुईं। ल कार्यक्रम में मनीष पाण्डेय, विनोद सिंह, इंद्रजीत सिंह (छोटू), चंदन सिंह भदौरिया, श्रीनिवास खेडिय़ा, राजू श्रीवास्तव, जोगिंदर शर्मा, जयशंकर चौधरी, रूपेश वर्मा, राकेश श्रीवास्तव, प्रकाश यादव, शंकर केडिय़ा, अजीत सिंह, मेवा लाल, मनजीत सिंह, कुबेर नारायण अग्रवाल, प्रशांत पाण्डेय, सेवकराम साहू सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
श्री रामचरित्र मानस भारतीय भावनाओं का पिटारा : चिन्मयानंद बापू
Chhattisgarh no.1 News Portal
Leave a comment