भिलाई। 08जून, 2023, (सीजी संदेश) : स्वर्गीय वीरा सिंह की स्मृति में निर्मित एसबीएस अस्पताल गरीबो और बेसहारा लोगों के लिए उम्मीद की किरण साबित हो रहा है जिस सामाजिक सेवा के उद्देश्य को लेकर इस अस्पताल की स्थापना की गई थी वह पूरा हो रहा है। समय-समय पर कई जटिल रोगों का इलाज गरीबों के लिए निशुल्क किया गया। इसी कड़ी में एसबीएस अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने एक और मुश्किल केस का सफलता पूर्वक इलाज कर उम्दा के रहने वाले 22 वर्षीय डीकेंद्र को नई जिंदगी दी और उसे चलने फिरने के काबिल बनाया। 6 जनवरी 2023 के दिन डीकेंद्र बाइक पर जा रहा था, सामने से आ रहे ट्रक से टकराया और ट्रक इसके पैर को कुचलता हुआ आगे बढ़ गया, जिससे डीकेंद्र के दोनों पैर गंभीर रूप से घायल हो गये थे, फिर डीकेंद्र को जल्दी से सरकारी अस्पताल ले जाया गया, वहां जाने के बाद वहा के विशेषज्ञो ने प्राथमिक इलाज दिया और हायर सेंटर, रायपुर में भेज दिया, वहां जाने के बाद वहां के विशेषज्ञो ने मरीज को सामान्य ड्रेसिंग करके घर भेज दिया। उसके बाद डीकेंद्र एक हफ्ता तक घर में रहा, जब पैरों से बदबू आने लगी, तो डीकेंद्र को फिर से सरकारी अस्पताल ले जाया गया, वहा जाने पर डॉक्टरों ने कहा कि मरीज का पैर काटना होगा, वहाँ से परामर्श के बाद डीकेंद्र के परिजनों ने उसे 13 जनवरी को पावर हाउस स्थित, एसबीएस अस्पताल में लाया, वहां डॉक्टर ने चेकअप कर बताया की मरीज के पैरों में गैंगरीन हो गया है इस वजह से उसके पैरों से बदबू आ रही थी, फिर मरीज के पैरो के गैंगरीन को ठीक किया और हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर के उसके पैरों को नॉर्मल किया, एसबीएस हॉस्पिटल में मरीज़ का डॉपलर टेस्ट किया गया, जिससे यह पता लगा कि मरीज़ के पैरों में सिर्फ 10% प्रतिशत ही खून का दौरा हो रहा है, यह जानने के बाद मरीज़ को आईसीयू में रखा गया और उसका इलाज किया गया, लगभग 15 दिन तक आईसीयू में रहने के बाद मरीज़ की हालत में सुधार दिखायी देना शुरू हुआ, डॉक्टर बताते हैं कि, उसके पैरों में अत्याधिक गहरे घाव थे जिस वजह से उसके पैरों को सही सलामत बचा पाना मुश्किल था मगर एसबीएस के डॉक्टरो ने बहुत ही सावधानी से मरीज़ के पैरों को बचा लिया, जहां दूसरे अस्पताल में बताया गया था कि मरीज के पैर को काटना होगा वही एसबीएस के डॉक्टरों ने ठीक कर दिखाया, डीकेंद्र के पैर के अंगूठे का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा काटना पड़ा बाकी पूरा पैर बचा लिया गया डीकेंद्र अब बेहद खुश हैं, सारी परेशानियों को हल करने के बाद आखिरी में एसबीएस के विशेषज्ञयों ने प्लास्टिक सर्जन को बुलाकर मरीज की प्लास्टिक सर्जरी भी करवायी और अब डीकेंद्र बिलकुल स्वस्थ है और वह खुद अपने पैरों पर चलकर अपने घर गया | मरीज (डीकेंद्र) का सारा इलाज का खर्चा आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया |