रिटायरमेंट के बाद नियमित आमदनी की चिंता से परेशान वरिष्ठ नागरिकों के लिए केंद्र सरकार ने पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) को और आकर्षक बना दिया है। यह योजना बुजुर्गों को हर महीने निश्चित ब्याज दर पर स्थिर आय देती है, जिसमें निवेश पूरी तरह सरकारी गारंटी से सुरक्षित रहता है। इस स्कीम के जरिए रिटायर्ड व्यक्ति हर माह ₹20,000 से अधिक की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
रिटायरमेंट के बाद आमतौर पर लोगों की सबसे बड़ी चिंता होती है—आगे की जिंदगी के लिए पैसों का इंतज़ाम कैसे किया जाए.असल में नौकरी के बाद सैलरी तो बंद हो जाती है, लेकिन खर्चे और जिम्मेदारियां पहले जैसे ही रहते हैं.तो फिर ऐसे में आज हम आपको पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी शानदार योजना के बारे में बता रहे हैं, जो खासतौर पर सीनियर सिटीजन के लिए बनाई गई है.असल में इस योजना का नाम है सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS).
जी हां यह योजना पोस्ट ऑफिस द्वारा खास रूप से संचालित की जाती है और 60 सालों या उससे अधिक एज के लोगों के लिए मौजूद है.जबकि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि को आप इस स्कीम में निवेश कर हर महीने स्थिर आय का इंतज़ाम कर सकते हैं।
योजना का उद्देश्य: आत्मनिर्भर और सुरक्षित जीवन
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति इस स्कीम में निवेश कर रिटायरमेंट के बाद भी सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है जो नौकरी छोड़ने के बाद भी बिना किसी अतिरिक्त काम के नियमित आय चाहते हैं।
निवेश सीमा और खाते का विकल्प
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में न्यूनतम निवेश राशि ₹1,000 रखी गई है, जबकि अधिकतम निवेश सीमा ₹30 लाख तक बढ़ा दी गई है। निवेशक चाहें तो अकेले अपने नाम से खाता खोल सकते हैं या पति-पत्नी मिलकर संयुक्त खाता भी संचालित कर सकते हैं।
पात्रता के नियम: कौन कर सकता है निवेश?
इस योजना में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले सभी भारतीय नागरिक निवेश कर सकते हैं। वहीं 55 से 60 वर्ष के बीच के वे लोग जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ली है, वे भी पात्र हैं। इसके अलावा रक्षा सेवाओं से 50 वर्ष की आयु में रिटायर हुए अधिकारी भी इसमें निवेश कर सकते हैं। हालांकि, एनआरआई और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) इस स्कीम में निवेश नहीं कर सकते।
खाता खोलने की प्रक्रिया बेहद आसान
SCSS खाता खोलने के लिए व्यक्ति अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंक शाखा में आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, उम्र का प्रमाण और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे दस्तावेज आवश्यक हैं। न्यूनतम ₹1,000 जमा करते ही खाता सक्रिय कर दिया जाता है और पासबुक भी जारी की जाती है।
ब्याज दर और मासिक आय की गणना
वर्ष 2025 में सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर 8.2% सालाना ब्याज दर लागू है। ब्याज की गणना तिमाही आधार पर होती है, जबकि भुगतान हर महीने किया जाता है। अगर कोई निवेशक ₹30 लाख का निवेश करता है, तो उसे हर महीने लगभग ₹20,500 रुपये की स्थिर आमदनी प्राप्त होगी, जो सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
टैक्स लाभ और TDS से राहत का विकल्प
SCSS से मिलने वाला ब्याज टैक्स योग्य आय में गिना जाता है। यदि ब्याज ₹50,000 से अधिक है, तो TDS काटा जा सकता है। हालांकि, वरिष्ठ नागरिक फॉर्म 15H जमा करके TDS से बच सकते हैं। साथ ही, आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की निवेश राशि पर टैक्स छूट भी प्राप्त की जा सकती है।
योजना की अवधि और रिन्युअल की सुविधा
इस योजना की अवधि 5 वर्ष है, जिसे परिपक्वता के बाद 3 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। यानी निवेशक अधिकतम 8 साल तक नियमित आमदनी का लाभ उठा सकते हैं। खाते के रिन्युअल के लिए परिपक्वता के एक वर्ष के भीतर आवेदन करना जरूरी होता है।
सरकारी गारंटी के साथ पूरी सुरक्षा
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम सरकार द्वारा संचालित है, इसलिए इसमें निवेश पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है। न केवल मूलधन बल्कि ब्याज की राशि पर भी केंद्र सरकार की गारंटी रहती है। यही वजह है कि यह स्कीम रिटायर्ड नागरिकों के बीच सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प बन चुकी है।
सीनियर सिटिज़न सेविंग स्कीम: मैच्योर होने से पहले पैसे निकालने के नियम
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में समय से पहले पैसे निकालने की अनुमति है, लेकिन खाता खोलने और निकासी के बीच के समय के आधार पर ऐसे मामलों में दंड लागू होते हैं। SCSS के समयपूर्व निकासी के दंड इस प्रकार है:
* अकाउंट खोलने की तारीख से 2 साल पूरा होने से पहले योजना बंद करने पर जमा राशि का 1.5% जुर्माना के रूप में काटा जाता है।
* यदि आप अकाउंट खोलने की तारीख से 1 साल पूरा होने से पहले स्कीम को बंद कर देते है तो आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगा और यदि ब्याज भुगतान कर भी दिया है तो अकाउंट में जमा राशि से ब्याज की रकम वसूल कर ली जाएगी।
* अकाउंट खोलने के 2 से 5 साल के बीच योजना से बाहर निकलने पर। SCSS जमा राशि का 1% जुर्माने के रूप में काटा जाता है।
* ध्यान दें कि अकाउंट खोलने की तारीख से 1 साल के बाद अकाउंट बंद करने पर कोई जुर्माना नहीं है।
अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाने पर क्या होगा?
अकाउंट मैच्योर होने पहले अकाउंट होल्डर की मृत्यु की स्थिति में, अकाउंट बंद कर दिया जाएगा और सभी मैच्योर इनकम कानूनी वारिस / नामित व्यक्ति को ट्रान्सफर कर दी जाएगी। मृत दावों के लिए, नामांकित व्यक्ति या कानूनी वारिस को अकाउंट बंद करने की सुविधा के लिए डेथ सर्टिफिकेट के साथ निर्धारित फ़ॉरमेट में लिखित आवेदन भरना होगा।
सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम अकाउंट को बंद करने के क्या है नियम?
* अकाउंट होल्डर अगर 1 वर्ष से पहले अकाउंट बंद करवाता है तो उसे कोई ब्याज नहीं मिलता है।
* अगर खाते को 1 वर्ष के बाद लेकिन 2 वर्ष से पहले बंद किया जाता है तो कुल जमा राशि का 1.5% काटा जाएगा।
* खाते को अगर 2 साल बाद बंद किया जाता है तो कुल जमा राशि का 1% काटा जाएगा। बाकी राशि खाताधारक को वापस कर दी जाती है।
* खाता एक्सटेंड करने के बाद 1 वर्ष पूरा होने से पहले बंद किया जाता है तो भी 1 फीसदी राशि काटी जाएगी।
सम्मानजनक जीवन का आधार बनी यह योजना
बढ़ती महंगाई और बढ़ते स्वास्थ्य खर्चों के बीच यह योजना बुजुर्गों के लिए आर्थिक सुरक्षा का मजबूत स्तंभ साबित हो रही है। SCSS से मिलने वाली स्थिर आमदनी उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि सम्मानजनक और निश्चिंत जीवन जीने की आजादी भी देती है।
पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) बुजुर्ग निवेशकों के लिए एक विश्वसनीय और सुरक्षित विकल्प साबित हो रही है। निश्चित ब्याज दर, सरकारी गारंटी और नियमित आय की सुविधा के कारण यह स्कीम रिटायर लोगों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करती है। मौजूदा समय में बदलते बाजार रुझानों के बीच SCSS न केवल पूंजी की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों को आत्मनिर्भरता का भरोसा भी देती है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा की दिशा में एक सशक्त कदम उठाया है।



            
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
							
													
											
                                
                             