दुर्ग। 18 अक्टूबर, 2025, (सीजी संदेश) : आरसीएम की राष्ट्रव्यापी रूपांतरण यात्रा ने दुर्ग, छत्तीसगढ़ में अपनी यात्रा की सफलता का जश्र मनाया, जिसमें आरसीएम के एसोसिएट बायर्स और समाज के लोगों की उत्साह भरी भागीदारी देखने को मिली।
विदित हो कि आरसीएम के पास वर्तमान में देशभर में बीस लाख से अधिक एसोसिएट बायर्स हैं, और कंपनी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में इस संख्या को बढ़ाने का है। राज्य में कंपनी का विस्तारित नेटवर्क किफायती, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की बढ़ती मांग और आत्मनिर्भरता के लिये स्थायी अवसर पैदा करने वाले मंच के रूप में आरसीएम पर लोगों के विश्वास को दर्शाता है।
मैनेजिंग डॉयरेक्टर सौरभ छाबड़ा के अनुसार हम दुर्ग में आकर बहुत ही आल्हादित हैं और अपने तमाम एशोसियेट्स बायर्स के प्रति कृतज्ञ भी हैं, जिन्होंने आरसीएम पर विश्वास किया और सफलता के इस मुकाम तक पहुंचाया । हम समावेशी विकास को हमेशा से ही प्राथमिकता देते रहें हैं यही कारण है कि पूरे भारत से हमें प्यार मिला है । हमारे बायर्स ही कंपनी के असली पिल्लर हैं और यही कारण है कि हमने हमेशा से श्रेष्ठ दिया है। हम रूपांतरण यात्रा के माध्यम से एक स्वस्थ और विकसित भारत बनाने और हर घर तक बेहतर स्वास्थ्य, आर्थिक अवसर और जीवनमूल्यों के साथ सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अपने समग्र सफलता और प्रगति के विजनके तहत आरसीएम, दुर्ग और छत्तीसगढ़ के विभिन्न समुदायों में लोगों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। महिलाओं, युवाओं और विभिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाले प्रयासशील उद्यमियों को समान अवसर प्रदान करके, आरसीएम आजीविका को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है और सुनिश्चित कर रहा है कि प्रगति के लाभ व्यापक रूप से साझा किए जाएँ।
रूपांतरण यात्रा, जो आरसीएम की 25वीं वर्षगाँठ के सेलिब्रेशन का हिस्सा है, एक 100 दिवसीय यात्रा है जो 17,000 किलोमीटर चलकर, 75 शहरों से होते हुए और 25 भव्य सेलिब्रेशन कार्यक्रम आयोजित करेगी।
दुर्ग में अपने पड़ाव के दौरान, रूपांतरण यात्रा ने आरसीएम के मूल स्तंभों स्वास्थ्य, सेवा और संस्कार को सुदृढ़ किया। इसमें उन महिला अचीवर्स, युवा लीडर्स और समाज सेवा में सक्रिय व्यक्तियों की प्रेरणादायक यात्रा को सबसे सामने उजागर किया, जिन्होंने आरसीएम सिस्टम के माध्यम से अपने जीवन को बदला। रूपांतरण यात्रा का पड़ाव दुर्ग में रखकर, आरसीएम ने मौजूदा एसोसिएट बायर्स के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया और नए सदस्यों का स्वागत किया।
हाल ही में लॉन्च हुई मनसा वाचा कर्मणा – एक कर्मयोगी की जीवनी, जो आरसीएम के संस्थापक तिलोकचंद छाबड़ा के जीवन पर आधारित है, कार्यक्रम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह पुस्तक उनके कर्मयोगी जीवन की यात्रा को प्रस्तुत करती है, जिसमें उनके मूल्यों और उनके विचारों और कार्यों के उस प्रभाव को भी उजागर करती है, जिसने लाखों लोगों के जीवन को बदला है।
दुर्ग से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया हमारे जन-आधारित आंदोलन की शक्ति और भावना का प्रतीक है। हम रूपांतरण यात्रा के माध्यम से एक स्वस्थ और विकसित भारत बनाने और हर घर तक बेहतर स्वास्थ्य, आर्थिक अवसर और जीवनमूल्यों के साथ सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ छाबड़ा ने कहा।
दुर्ग में रूपांतरण यात्रा सेलिब्रेशन तो इस लम्बी यात्रा का बस एक पड़ाव है, इस 17,000 किलोमीटर लम्बे रास्ते पर आगे बढ़ते हुए, हम हर महिला को गरिमा, शक्ति और आत्मविश्वास के साथ जीवन जीने का अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि महिलाएँ भी पुरुषों के समान नये भारत के निर्माण में समान रूप से योगदान दे सके। मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रियंका अग्रवाल ने कहा।
दुर्ग में रूपांतरण यात्रा के लिए जो उत्साह और जूनून देखा, उसे देखकर गर्व का अनुभव कर रहा हूँ। मुझे पूरा यकीन है कि यह यात्रा भारतभर में लाखों लोगों को सशक्त बनाएगी, और आने वाली पीढय़िों के लिए एक स्थायी और समृद्ध भविष्य का निर्माण करेगी। सीईओ मनोज कुमार ने जोड़ा।
अपने अगले गंतव्य की ओर बढ़ते हुए रूपांतरण यात्रा, यहाँ भी ऊर्जा और प्रेरणा देकर जा रही है, जो दुर्ग और छत्तीसगढ़ में प्रगति के अवसरों और समग्र समाजिक विकास को आगे बढ़ाएगी, और साथ ही यात्रा के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करेगी।