भिलाई। 08 फरवरी, 2025 (सीजी संदेश) : दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा 7 फरवरी को माता रमाई की जन्म जयंती के अवसर पर भिलाई की गरीब व श्रमिक बस्ती में माता रमाई के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण किया गया और केक काटकर माता रमाई का जन्मोत्सव मनाया गया।
दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया छत्तीसगढ़ महिला प्रकोष्ठ की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राज्य प्रभारी भारती खांडेकर ने बस्ती की महिलाओं और बच्चों को माता रमाई के त्याग समर्पण और साहस की बातें बताई और कहा कि डा. बाबासाहेब आम्बेडकर की जीवन संगिनी माता रमाई एक ऐसी नारी शक्ति जिनके त्याग ,समर्पण और बलिदान की बदौलत बहुजन समाज व सर्व समाज की नारी को भारत वर्ष में सम्मान से जीने का अधिकार मिला और उनके त्याग व संघर्ष की बदौलत ही डा. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर वंचित समाज के हितो की लड़ाई लड़कर सफल हो सके। सचिव नीतू डोंगरे ने कहा कि किस तरह माता रमाई ने गोबर के ऊपले बनाए और उसे बाजार में बेचकर बाबासाहेब को रूपए भेजती रही पर रमाई ने स्वाभिमान को बरकरार रखा और माता रमाई ने समाज और देश मे एक मिसाल कायम की, उन्होने कहा कि पिछले 12 वर्षो से सेक्टर 5 की श्रमिक बस्ती सहित अन्य गरीब बस्तियो मे जाकर निर्धन बच्चो को आर्थिक सहयोग प्रदान कर उन्हे शिक्षा के क्षेत्र मे आगे बढ़ाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है और ऐसे प्रयास लगातार जारी रहेंगे। संगीता मेश्राम और पुष्पा ने भी माता रमाई पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किस तरह से बाबासाहेब ने रमाई के साथ संघर्ष करते हुए हमारी कमर से बंधी झाड़ू और गले में लटकी हांडी से छुआछूत से हमे मुक्त कराया और हमे सम्मान से जीने अधिकार दिलाया। इस अवसर पर भारती खांडेकर, नीतू ङोंगरे, संगीता मेश्राम, पुष्पा बावनकर, पारो, पायल, कुमारी, शिवानी, ऋतु, कदम, देवकी, कल्पना, रीना, शीतल, जया, गीता, रुद्रा, भावेश, बबीता, सजना, ऊमा, वर्षा सहित बस्ती की अनेक महिलाए और बालक बालिकाऐ उपस्थित थे।