ताशकंद. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट के लिए तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को उज्बेकिस्तान पहुंचे। उन्होंने शनिवार को समिट को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद गंभीर वैश्विक समस्या है। इसके खात्मे के लिए दोहरा चरित्र और अपवादों को छोड़कर सबको एकसाथ लड़ना होगा। साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय कानून और तंत्र को मजबूत करते हुए सख्ती से लागू करना होगा।
राजनाथ का एयरपोर्ट पर उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अरिपोव ने स्वागत किया था। रक्षा मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को ताशकंद में शास्त्री स्ट्रीट पर श्रद्धांजलि दी। साथ ही राजनाथ शास्त्री मेमोरियल स्कूल पहुंचे और बच्चों से बात की। शास्त्री का निधन 11 जनवरी 1966 में ताशकंद में ही हुआ था।
राजनाथ ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है कि हम एकदूसरे का आर्थिक सहयोग करें। यही आर्थिक सहयोग हमारे लोगों के भविष्य को मजबूत करने और उनके बेहतर जीवन की नींव है। एकपक्षवाद और संरक्षणवाद से किसी का भला नहीं हुआ। भारत इस मामले में विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत पारदर्शी, खुला, समावेशी और गैर-भेदभावपूर्ण बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध है।’’
एससीओ एक राजनीतिक और सुरक्षा समूह है। इसका हेडक्वार्टर बीजिंग में है। यह 2001 में बनाया गया था। चीन, रूस, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान इसके स्थाई सदस्य हैं। यह संगठन खासतौर पर सदस्य देशों के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग के लिए बनाया गया है। इसमें खुफिया जानकारियों को साझा करना और मध्य एशिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना शामिल है। भारत और पाकिस्तान इस संगठन से 2017 में स्थाई सदस्य के तौर पर जुड़े थे।
राजनाथ ने कहा : आतंकवाद को खत्म करने के लिए दोहरा चरित्र छोड़कर सबको एकसाथ लड़ना होगा
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