भिलाई। 13अप्रैल, 2024, (सीजी संदेश) : आज सुबह 9:00 बजे इंडिया मंच के उम्मीदवार एवं कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू भिलाई इस्पात संयंत्र एवं औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत संयुक्त ट्रेड यूनियन के नेताओं से मिलने सेक्टर 4 कार्यालय पहुंचे जहां बैठक में एटक, सीटू, ऐक्टू, स्टील वर्कर्स यूनियन, लोकतांत्रिक इस्पात इंजीनियरिंग एवं मजदूर यूनियन, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति, बीएसपी रिटायर्ड एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के नेता उपस्थित थे इस मुलाकात दौरान यूनियन नेताओं ने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से बातें रखें उसके बाद इंडिया मंच के प्रत्याशी ने कहा कि पिछले 9 वेतन समझौता में केंद्र में जो सरकारें थी उन्होंने कभी भी भिलाई इस्पात संयंत्र सहित किसी भी सार्वजनिक उद्योगों के वेतन समझौते में कोई अड़चन नहीं पैदा की है इसीलिए सभी नौ वेतन समझौता आराम से संपन्न हुआ मौजूदा सरकार भिलाई इस्पात संयंत्र सेल के वेतन समझौता में तरह-तरह के अड़चनें पैदा कर रही है यदि इंडिया मंच की सरकार केंद्र में आई तो वेतन समझौता पहले की तरह होगा।
ठेका श्रमिकों की हालत हुई है बद से बदतर
पिछले 10 सालों में एक तरफ जहां ठेका श्रमिकों के वेतन में केंद्र सरकार अथवा उनके नुमाइंदों के पहल से कोई इजाफा नहीं हुआ है वही दूसरी तरफ उतने ही वेतन में बढ़ती महंगाई को झेलने के लिए ठेका मजदूर मजबूर है जबकि इन्हीं ठेका मजदूरों के वोट से पिछले चुनाव में मौजूदा सांसद रिकार्ड मतों से विजय हुए थे इस संसदीय क्षेत्र में लगातार ठेकेदार मजदूरों का शोषण जारी हैं ज्ञात हो भिलाई इस्पात संयंत्र के आसपास के गांव से लोग यहां मजदूरी करने आते हैं इसके पहले इन्हीं के गांवो में भिलाई इस्पात संयंत्र बनाया गया पहली पीढ़ी को नौकरी मिली दूसरी पीढ़ी को ठेका मजदूरी और आज तीसरी पीढ़ी को भिलाई इस्पात संयंत्र में ठेका मजदूरी भी नहीं मिल रही है क्योंकि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते स्थाई नियुक्तियां पूर्ण रूप से बंद है वहीं दूसरी तरफ बाहरी बड़ी कंपनियां संयंत्र में आ गई है और आज वे प्रिंसिपल एंपलॉयर है साथ ही साथ बाहरी मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और यहां के स्थानीय बेरोजगारों को काम तक नहीं मिल रहा है। और यह सब मौजूदा सांसद के क्षेत्र में हो रहा है जिस पर वे मौन है।
यदि सार्वजनिक उद्योगों को बचाना है तो मौजूदा केंद्र सरकार बदलना जरूरी
इंडिया मंच के उम्मीदवार एवं कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू के उपस्थिति में संयुक्त ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा कि मौजूदा सरकार न केवल सार्वजनिक उद्योगों को अंदर से खोखला कर रही है बल्कि हर हालत में सार्वजनिक उद्योग को खत्म करते हुए इन उद्योगों को आने-पौने दामों पर अपने कॉर्पोरेट मित्रों के हवाले करना चाहती है इसके खिलाफ पूरे देश में मजदूर वर्ग लामबंद है यदि सार्वजनिक उद्योग को बचाना है तो हर हाल में मौजूदा केंद्र सरकार को केंद्र से उखाड़ फेंकना होगा।
अस्पताल स्कूल टाउनशिप का पिछले 10 सालों में बुरा हाल
अस्पताल की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है। केंद्र की नीतियों के चलते अस्पताल में डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति पर पूरी तरह से रोक है जिसके चलते सेक्टर 9 का अस्पताल जो कभी अविभाजित मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा रेफरल सेंटर हुआ करता था आज अपने मरीज को खुद दूसरे जगह रेफर करने के लिए मजबूर है। लगातार स्कूल बंद हो रहे हैं कभी भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संचालित 60 से ज्यादा स्कूलों में 60000 से ज्यादा बच्चे पढ़ा करते थे लेकिन आज यह धीरे-धीरे बंद होते-होते इस वर्ष भी कई स्कूल बंद हो गए जिसके कारण नए रिक्रूट हुए संयंत्र के कर्मियों के बच्चों के लिए एक भी ढंग का प्राइमरी स्कूल नहीं है ना ही इनकी ओर से कोई ठोस पहल हुई है। कुल मिलाकर इन सभी मुद्दों पर अभी तक दुर्ग जिला के सांसद एवं स्टील स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य मौन रहे हैं जिसका खामियाजा भिलाई की जनता भुगत रही है। टाउनशिप की बात करें तो मकान की हालत लगातार जर्जर होती चली गई टाउनशिप से स्थाई कर्मियों को हटाया जा रहा है नए आवास बनाने की योजना पिछले 8 सालों से अटकी हुई है इस सब पर भी स्टील स्टैंडिंग कमेटी कुछ नहीं किया है।
हायर पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन नहीं करवा रही है केंद्र सरकार
ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा कि EPS 95 के तहत हायर पेंशन दिए जाने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय देते हुए कुछ गाइडलाइन जारी किया था। जिस पर ईपीएफओ पिछले डेढ़ साल से किंतु परंतु कर रहा है पूरे देश के अंदर पेंशन को लेकर पेंशनधारी आंदोलन कर रहे है किंतु केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सही तरीके से अनुपालन नहीं करवा रही है इससे यह बात भी स्पष्ट हो रही है कि यदि आगामी लोकसभा चुनाव में मौजूदा सरकार फिर से केंद्र में आती है तो हायर पेंशन का मुद्दा भी अधर में लटक सकता है।