रायपुर। छत्तीसगढ़ में रविवार से धान खरीदी की सरकारी प्रक्रिया शुरू हो गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले दिन दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड की सहकारी समिति औंधी और जामगांव एम जाकर जायजा लिया। सीएम ने किसानों से कहा आपके लिए खरीदी केंद्रों में जरूरी सुविधाएं देखने आया हूँ। आपकी सभी सुविधाओं का सरकार ध्यान रखेगी। यहां सरना प्रजाति का धान था। मुख्यमंत्री ने रगड़कर देखा। कहा इसकी गुणवत्ता अच्छी है। मुख्यमंत्री ने धान खरीदी के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो और खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध कराया जाए।
राज्य के सभी जिलों में धान का उपार्जन छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा किया जा रहा है। पहले से मौजूद 1 हजार 995 खरीदी केन्द्रों सहित इस वर्ष शुरू किए गए 33 नए खरीदी केन्द्रों में किसानों का धान लिया जा रहा है। खरीफ वर्ष 2019-20 में प्रदेश के 19 लाख 56 हजार किसानों ने पंजीयन कराया। पिछले साल से यह संख्या 16 लाख 97 हजार थी। धान की खरीदी एक दिसम्बर से 15 फरवरी 2020 तक की जाएगी। इस बार राज्य के किसानों से 85 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी करने का अनुमान है।
धान खरीदी के पहले दिन कोरिया जिला मुख्यालय में संचालित धान खरीदी केंद्र धौराटिकरा में सॉफ्टवेयर डिलीट होने के कारण रविवार को करीब 800 किसान धान बेचने से वंचित रहे। एक्सपर्ट फिर से सॉफ्टवेयर अपलोड करने में लगे रहे, लेकिन पहले दिन यहां धान खरीदी मुमकिन नहीं हो सकी। इससे किसानों को काफी दिक्कत हुई, दूर दराज के इलाकों से बहुत से किसान सूरज निकलने से पहले ही यहां आकर खड़े थे।
बेमेतरा जिले में कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने रविवार को सेवा सहकारी समिति देवरबीजा के धान खरीदी केन्द्र का का निरीक्षण किया। अचानक कलेक्टर के पहुंचने से अधिकारी भी हड़बड़ा गए। काम में लपरवाही बरतने के कारण ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ज्ञानेंद्र साहू को निलंबित करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने किसानों से बात की और किसी भी तरह की परेशान होने पर फौरन शिकायत करने को कहा।
सीएम भूपेश पहुंचे खरीदी केंद्र…. धान की गुणवत्ता परखी…. किसानों को सुविधा देने के निर्देश
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