भिलाई। 06 जुलाई, 2023, (सीजी संदेश) : फिल्मी अंदाज में फर्जी ईडी अधिकारी बनकर व्यापारी का अपहरण एवं एक्सटॉर्सन कर 02 करोड रूपये की धोखाधड़ी के सनसनीखेज मामले का दुर्ग पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस की तत्परता से घटना की सूचना मिलने के 02 घण्टे के अंदर आरोपियो के नाम पता एवं फोटो की पहचान सुनिष्चित करने के बाद 30 घण्टे के अंदर 03 आरोपियो को एवं 03 दिन के अंदर गिरोह के 09 प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार करने में मिली सफलता हुई। पुलिस ने उनके पास से कुल नगदी रकम 01 करोड 25 लाख 16 हजार रूपये, 02 लाख 19 हजार रूपये की सोने की ज्वेलरी, 10 नग विभिन्न कंपनियों के एण्ड्रायड एवं की-पैड मोबाईल फोन, 01 लाख 20 हजार रूपये का परफ्यूम एवं अन्य सामान, 02 नग ईडी के अधिकारी के पदनाम का फर्जी आईडी सहित अन्य सामान कुल तकरीबन 01 करोड 43 लाख 55 हजार रूपये का बरामद किया है। आरोपियों को पकड़ने में पुलिस का मुंबई के गोरेगांव, मुम्ब्रा, गुंजा, कोनगांव, पालघर, मानपाड़ा, अंधेरी पष्चिम, वर्तक नगर एवं नासिक के ओझर व डिंडोरी थाना क्षेत्रो में 01 हफ्ते तक चला लगातार ऑपरेशन चला। सिर्फ मुंबई शहर के अंदर ही 2500 किलो मीटर से अधिक दुर्ग पुलिस की गाड़िया चली, शहर के चप्पे-चप्पे को छाना। मुबंई व नासिक में एएसपी संजय ध्रुव एवं सीएसपी वैभव बैंकर के नेतृत्व में 06 टीमों ने लगातार गिरफ्तारी एवं बरामदगी का ऑपरेशन चलाया। सीएसपी प्रभात कुमार, राजीव शर्मा एवं थाना प्रभारी संतोष मिश्रा के नेतृत्व में दुर्ग से मैदानी टीम को लगातार तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी गयी। साथ ही मुंबई एवं नासिक पुलिस द्वारा भी दुर्ग पुलिस को अद्वितीय सहयोग दिया गया, उनके सहयोग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से प्रषंसा पत्र भेजा जायेगा । गिरोह के द्वारा पूर्व में मुंबई एवं कर्नाटक में भी इसी प्रकार की 05 घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। पिछले 05 वारदातों में फरार गिरोह का सरगना हमिद पहली बार छत्तीसगढ़ पुलिस के हत्थे चढ़ा। जिस गिरोह से एकबार भी पैसो की बरामदगी नही हो पायी थी, उसी गिरोह से दुर्ग पुलिस ने डेढ़ करोड़ के आसपास की रकम बरामद की है। लूट के बाकी पैसो के भी बरामदगी के प्रयास किये जा रहे है। संपूर्ण घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक सेलम सिन्हा ने बताया कि दिनांक 27 जून को प्रार्थी अखिलेष उर्फ नवीन गुप्ता पिता स्व0 बद्रीप्रसाद गुप्ता, 53 वर्ष निवासी सिकोला भाठा दुर्ग ने थाना मोहन नगर आकर लिखित रिपोर्ट दर्ज करायी कि रविन्द्र यादव से उसकी पुरानी जान पहचान थी जिसने एक प्लान सुझाया जिसमें अच्छा मुनाफा होने की बात बताया, जिसे मैं अभिषेक पाटनी को उक्त स्कीम के संबंध में बताया था। जो कि हम दोनो 01 करोड रूपये इन्वेस्ट करने के लिये तैयार को गये तो उसके एजेंट ने बताया कि कम से कम 02 करोड इन्वेस्ट करना पडेगा। तब गजानंद वैरागढे ने कहा कि कंपनी का जो आदमी फंड चेक करने आयेगा वह इस वक्त बाहर गाडी में बैठा है अगर आप 02 करोड का काम करने को तैयार हो तो मैं उसे बुला लेता हूं। जिससे मैं अपने साथी अभिषेक पाटनी, हरिषरण पांडेय, रविन्द्र यादव से इन्वेस्ट करने के बारे में पूछा तो सभी लोग 50-50 लाख रूपये इन्वेस्ट करने को तैयार हो गये। हमारे हॉ कहने पर गजानंद वैरागढे़ ने एक व्यक्ति को बुलाया जिसने अपना नाम गिरिश वालेचा निवासी मुंबई का होना बताया और उसने हमें इंडस टॉवर लिमिटेड कंपनी का पोर्टफोलियो एवं अपना कंपनी का आईडी कार्ड दिखाया। उसने अपनी कंपनी का खाता नंबर भी दिया जिसको हमारे द्वारा चेक कराने पर उसमें पर्याप्त रकम बैलेंस होना भी पता चला। जिससे हम लोगों को भरोसा हो गया। जिससे हम लोगों ने फंड ट्रांसफर करने के लिये 27 जून का दिन तय किया। जिसके अनुसार हम लोग अलग-अलग 05 थैलों में 02 करोड रूपये इकटठा करके रखे थे। कुछ देर बाद गजानंद वैरागढे के साथ में कंपनी का आदमी गिरीश वालेचा हमारे ऑफिस पारख काम्पलेक्स आयें, कैश को चेक किया और किसी व्यक्ति को फोन करके बताया। तभी कुछ देर में अचानक ऑफिस के अंदर 05 आदमी आये जो कि सफेद शर्ट, खाकी पैंट पहने हुये थे जो अपने आप को ईडी का ऑफिसर होना बता रहे थे और ब्लैकमनी को ट्रांसफर कर मनी मनीलॉण्ड्रिग का कारोबार कर रहे हो तुम्हारे खिलाफ कार्यवाही करेंगें कह कर धमकाने लगे और मुझे एवं गिरीश वालेचा को साथ लेकर पांचो थैले मे रखे 02 करोड रूपये नगदी को साथ लेकर काले रंग की स्कॉरपियो वाहन में बिठाकर नगदी से भरे बैगों को रखकर राजनांदगांव की ओर ले गये और रास्ते में ठाकुर टोला टोल प्लाजा के पास मुझे गाड़ी से उतारकर गिरीश वालेचा को साथ लेकर चले गये। कुछ देर बाद मुझे समझ में आया कि गिरीश वालेचा ने उक्त सभी व्यक्तियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से उसके साथियों ने ईडी का अधिकारी बनकर मनीलॉण्ड्रिग के केस में जेल भेज देने की धमकी देकर हमलोगो के साथ 02 करोड रूपये की ठगी की है कि रिपोर्ट पर थाना मोहन नगर में अपराध धारा 419,420,384,389,365,120-बी,170,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
उक्त सनसनीखेज घटना को अत्यंत ही गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा के द्वारा आरोपी की शीघ्र पतासाजी कर माल बरामदगी करने हेतु निर्देषित किया गया एवं अतिरक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय ध्रुव एवं नगर पुलिस अधीक्षक, दुर्ग वैभव रमनलाल बैंकर, उप पुलिस अधीक्षक (सायबर) प्रभात कुमार, उप पुलिस अधीक्षक (अपराध) राजीव शर्मा के मार्गदर्शन में एसीसीयू प्रभारी निरीक्षक संतोष मिश्रा व थाना प्रभारी मोहन नगर निरीक्षक विपिन रंगारी एवं थाना प्रभारी छावनी नवी मोनिका पाण्डेय के नेतृत्व में एसीसीयू एवं थाना मोहन नगर की संयुक्त टीम गठित कर कार्यवाही हेतु लगाया गया था।
टीम द्वारा घटना स्थल का सुक्ष्मता से निरीक्षण कर प्रकरण से संबंधित प्रार्थी एवं अन्य व्यक्तियो से विस्तृत पूछताछ कर जरूरी जानकारी जुटायी गयी, घटना स्थल एवं उसके आस-पास के प्रतिष्ठानों, आवागमन के मार्गो, रूकने के ठिकानो, होटल/लॉज में लगे सीसीटीवी कैमरों की फूटेज का सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाकर जानकारी एकत्र की गयी। दुर्ग रेलवे स्टेशन के आस-पास के ठहरने के स्थान होटल/लॉज की चेकिंग की गयी जिसके दौरान एवलॉन होटल दुर्ग में मुख्य संदेही गिरीश वालेचा का आधार कार्ड प्राप्त हुआ, जिसे गूगल पर सर्च करके देखने पर ज्ञात हुआ की गिरीश वालेचा द्वारा अपने 07 अन्य साथियों के साथ मिलकर सितंबर 2022 में खुद को ईडी ऑफिसर बताकर गोरेगांव मुंबई थाना क्षेत्रांतर्गत ठगी की घटना को अंजाम दिया गया है जिसमें उन्हे गिरफ्तार किया गया था, उक्त जानकारी प्राप्त होने पर थाना गोरेगांव जिला ठाने महाराष्ट्र से संपर्क किया गया, गोरेगांव पुलिस से उक्त घटना में गिरफ्तार आरोपियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई, गोरेगांव पुलिस से प्राप्त जानकारी के आधार पर दुर्ग मे घटना स्थल के आस-पास मिले संदेहियों के फूटेज का मिलान करने पर आरोपियों की पहचान मुंबई निवासी गिरीश वालेचा जीवा आहिर, किशोर चौबल के रूप में सुनिष्चित हुई। उक्त संदेहियो के मोबाईल नंबर प्राप्त कर उनके मोबाईल नंबरों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर तकनीकी विष्लेषण किया गया जिससे उनकी उपस्थिति मुंबई महाराष्ट्र में होना पता चला जिससे पुलिस अधीक्षक के निर्देष पर तत्काल अतिरक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय ध्रुव एवं नगर पुलिस अधीक्षक, दुर्ग वैभव रमनलाल बैंकर के नेतृत्व में थाना प्रभारी छावनी। एवं थाना मोहन नगर के अधिकारी/कर्मचारियों की टीम गठित की गयी जिन्हे पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग क्षेत्र से आरोपी पतासाजी एवं विवेचना हेतु दिगर प्रांत मुंबई महाराष्ट्र जाने की अनुमती प्राप्त कर पतासाजी हेतु रवाना किया गया। टीम द्वारा मुंबई में आरोपी गिरीश श्रीचंद वालेचा को घेराबंदी कर पकड़ा गया जिससे घटना के संबंध में पूछताछ करने पर दुर्ग के व्यापारी अखिलेष गुप्ता के साथ अपने मुबंई निवासी साथियों अब्दुल हमिद सैय्यद उर्फ श्रीधर पिल्ले, जीवा आहिर, रोहित पाठक उर्फ ठाकुर, मंगल पटेल, कृष्णा श्रीमाली उर्फ जेठा, किशोर चौबल उर्फ कैलाश एवं नासिक निवासी संजय आईरे उर्फ विजय एवं अन्य साथी राषिद, शाहिद, हासिम उर्फ आषू एवं गिरीश की पत्नि नगमा मोहम्मद हुसैन अंसारी के साथ मिलकर षड्यंत्र रच कर योजनाबद्ध तरिको से ईडी का अधिकारी बनकर प्रार्थी को मनीलाण्ड्रिग के केस मे जेल भेज देने की धमकी देकर अपहरण कर 02 करोड रूपये की ठगी करना स्वीकार किया जिससे प्रकरण के अन्य आरोपी अब्दुल हमिद सैय्यद उर्फ श्रीधर पिल्ले, जीवा आहिर, रोहित पाठक उर्फ ठाकुर, मंगल पटेल, कृष्णा श्रीमाली उर्फ जेठा, किषोर चौबल उर्फ कैलाष, संजय आईरे उर्फ विजय एवं नगमा को मुंबई एवं नासिक से अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया। आरोपियों की निषानदेही पर उनके कब्जे से पृथक-पृथक कुल नगदी रकम 01 करोड 25 लाख 16 हजार रूपये, 02 लाख 19 हजार रूपये की सोने की ज्वेलरी, 10 नग विभिन्न कंपनियों के एण्ड्रायड एवं की-पैड मोबाईल फोन, 01 लाख 20 हजार रूपये का परफ्यूम एवं अन्य सामान, 02 नग ईडी के अधिकारी के पदनाम का फर्जी आईडी तथा घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो वाहन व अर्टिगा कार कुल कीमती तकरीबन 01 करोड 43 लाख 55 हजार रूपये का बरामद कर जप्त किया गया। उपरोक्त आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई महाराष्ट्र से ट्रांजिट रिमाण्ड हासिल कर लाया गया है। आरोपियों के विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही थाना मोहन नगर से की जा रही है।।उक्त कार्यवाही में एसीसीयू से सउनि शमित मिश्रा, चंद्रषेखर सोनी, पूर्ण बहादुर, प्रआर चंद्रषेखर बंजीर, आरक्षक प्रदीप सिंह ठाकुर, धीरेन्द्र यादव, नितिन सिंह, विक्रान्त कुमार, पंकज चतुर्वेदी, राजकुमार चंद्रा, चित्रसेन साहू, शाहबाज खान, पन्ने लाल, रिंकू सोनी, जगजीत सिंह, जावेद हुसैन, अभय राय, निखिल साहू, महिला आरक्षक आरती सिंह सिविल टीम दुर्ग से आरक्षक जावेद खान, गौर सिंह एवं थाना मोहन नगर से सउनि प्रमोद सिंह, प्रआर शहीद खान, मनीष अग्निहोत्री आरक्षक देवव्रत ठाकुर की उल्लेखनीय भूमिका रही।
नाम आरोपी:-
1. गिरीश श्रीचंद वालेचा पिता श्रीचंद लक्ष्मण दास वालेचा उम्र 30 वर्ष पता लेक स्योर ग्रीन अपार्टमेंट पलावा सिटी फेस 02 मकान नंबर 1502 ईलाट एस बिल्डिंग 15वीं मंजिल थाना मानपाडा डोमबेली जिला ठाणे मुबंई महाराष्ट्र।
2. अब्दुल हमिद सैय्यद पिता सैय्यद अहमद उम्र 39 वर्ष पता ग्रेस स्कायर बिल्डिंग ब्लाक नंबर ए-7 फ्लैट नंबर 404 चौथी मंजिल मुम्ब्रा जिला ठाणे मुंबई महाराष्ट्र।
3. जीवा आहिर पिता अर्जुन आहिर उम्र 54 वर्ष पता खुशबू बिल्डिंग प्लाट नंबर 303 तीसरा मंजील, बी विंग लोकमान्य नगर पाड़ा नंबर 04 थाना वर्तक नगर जिला ठाणे वेस्ट मुबंई महाराष्ट्र
4. मंगल पटेल पिता फूलचंद पटेल उम्र 42 वर्ष पता रूम नंबर 110 राज निकेतन निवास प्रगति नगर 90 फीट रोड पालघर (महाराष्ट्र)
5. कृष्णा श्रीमाली पिता चंद्रशेखर श्रीमाली उम्र 41 वर्ष पता लोखण्डवाला जूना महड़ा श्री साई सोसायटी चाल नंबर 147 मकान नंबर 01 लोखण्डवाला अंधेरी वेस्ट एमटीएनएल ऑफिस के बाजू में थाना डी.एन.नगर जिला मुंबई महाराष्ट्र
6. किशोर चौबल पिता शांताराम चौबल उम्र 55 वर्ष पता सनटेक वेस्ट वर्ल्ड बिल्डिंग फ्लैट नंबर 603, नंबर 1-बी नवागांव ईस्ट तालुका बसई जिला पालघर महाराष्ट्र
7. संजय आईरे पिता पंढ़रनाथ आईरे उम्र 41 वर्ष पता ग्राम अखराली कोलीवाड़ा मराठी स्कूल के बाजू मे तहसील डिंडोरी थाना डिंडोरी जिला नासिक महाराष्ट्र
8. रोहित पाठक पिता रामबदल पाठक उम्र 31 वर्ष अस्थाई पता श्याम कॉम्पलेक्स बी विंग रूम नंबर 103 विजय पार्क मीरा रोड पूर्व थाना मीरा रोड जिला ठाणे महाराष्ट्र पता कलानीखुर्द पोस्ट अमारी बजार थाना छावनी जिला बस्ती उ.प्र. पिन नंबर 272155
9. नगमा मोहम्मद हुसैन अंसारी पति गिरिष श्रीचंद वालेचा उम्र 31 वर्ष पता लेक स्योर ग्रीन अपार्टमेंट पलावा सिटी फेस 02 मकान नंबर 1502 ईलाट एस बिल्डिंग 15वीं मंजिल थाना मानपाडा डोमबेली जिला ठाणे मुबंई महाराष्ट्र।