भिलाई। स्वजातीय सामाजिक बंधुओं को संगठित कर उनके कल्याण के लिए कार्य करना सराहनीय कार्य है। कलिंगा संघम् भिलाई नगर विगत 44 वर्षों से रायपुर से डोंगरगढ़ तक निवासरत आंध्रप्रदेश के कलिंगा जाति के लोगों को संगठित करने कार्य किया जा रहा है। उक्त उदगार भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक एवं समाज के सलाहकार जी.अच्युत राव ने मैत्री गार्डन में आयोजित पारिवारिक मिलन समारोह में व्यक्त कियें। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को संगठित रूप से संपन्न करने का आनंद ही अलग है। भोजन तो हम सभी प्रतिदिन करते हैं परन्तु सामूहिक रूप से भोजन का सुखद अनुभव कई दिनों तक याद रहेगा। हमारी परम्परानुसार कार्तिक के महीने में किसी वनीय क्षेत्र या उद्यान में सामूहिक रूप से भोजन बनाकर एक साथ खाने की प्रथा को वनभोजनालू कहा जाता है। कलिंगा संघम् के अध्यक्ष लिंगेश्वर राव ने समाज की गतिविधियों का विस्तार से विवरण दिया। उन्होंने कहा कि कार्य समिति द्वारा टीम भावना के साथ प्रत्येक कार्य को मूर्तरूप प्रदान किया जाता है। समाज हित में जो भी निर्णय लिये जाते हैं वो सर्वसम्मत होते हैं। कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संपन्न होने के लिए सभी को साधुवाद के पात्र हैं। कार्यक्रम को पूर्व अध्यक्ष पी. नरसिम्हलू, संस्थापक सदस्य एस. सूर्यनारायणा, एम.मल्लेशु और आर. कृष्णा राव ने भी संबोधित किया। प्रचलित परम्परा अनुसार वरिष्ठ नागरिक सम्मान डी.सिम्हाचलम को प्रदान किया गया।
खेलकूद एवं अन्य उपलब्धियों के लिये टी.नागेश्वर राव क्रिकेट, के.श्रवण कुमार फु टबाल, एस.मोहन राव नेटबाल, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। हायर सेकण्डरी में उत्कृष्ठ स्थान एस.भीमाराव को सम्मानित किया गया। पारिवारिक मिलन के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे सभी वर्गों में कुर्सी दौड़, रंगोली प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान, मोमबत्ती जलाओ, फुग्गा फूलाओ, हौजी आदि में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किये गये। लकी कपल, 2019 डी. शशिभूषण राव एवं श्रीमती जी. माधुवी दंपत्ति को प्रदान किया गया। रंगोली प्रतियोगिता के निर्णायक श्रीमती के.श्रद्धामूर्ति एवं श्रीमती पी.प्रवल्लिका थे। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन महासचिव जी.गोविंद राव, पी.जनार्दन एवं पी रामाराव ने किया। आभार प्रदर्शन टी.शंकर राव ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कोषाध्यक्ष के. वेंकट रमनामूर्ति, जी. जगन्नाथ राव, ए.टी. राव, एस.सोमेश्वर राव, के. गणेश, व्ही. हेमसुंदर राव, के. लक्ष्मण राव, एस.रघुपति, बी. चन्द्रशेखर, एस योगेश्वर राव, जी. बालराजू, वाय.मोहन राव, पी. चिन्नी कृष्णा, एम. सचिन, पी.मोहन राव, जी. अनिल कुमार, ए. सामाराव, के. राधाकृष्णा, एन. वेंकट रमना के. अप्पोजी का विशेष सहयोग रहा।