भिलाई। 22 नवम्बर, 2025, (सीजी संदेश) : भिलाई इस्पात मज़दूर संघ यूनियन की आवश्यक बैठक सेक्टर 6 कार्यालय में महामंत्री चन्ना केशवलू की अध्यक्षता में पदाधिकारियों एवं सदस्यों के साथ गंभीर और संवेदनशील मुद्दों पर सम्पन्न हुआ। सभी ने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के उस तुगलकी आदेश का पुरज़ोर विरोध किया संयंत्र में कार, मोटरसाइकिल के गति को लेकर बिना श्रमिक संगठनों से चर्चा किए फरमान जारी किया गया उसका विरोध सभी ने एक स्वर में किया। कर्मचारी जिन्होंने अपनी सेवा के 30 से 40 वर्ष संयंत्र के विकास लिए योगदान दिया है और अब अचानक सुविधा से वंचित किया जाने वाला फरमान जारी कर हिटलर शाही रवैया दर्शाता है। इससे रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ी हैं ।
भिलाई इस्पात संयंत्र में क्वार्टर रिटेंशन (आवास प्रतिधारण) के नियमों में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं, और सेवानिवृत्त कर्मियों को आवास की उपलब्धता और किराए (लाइसेंस शुल्क) को लेकर हमेशा से मुद्दे रहे हैं।
मकानों के रिटेंशन सुविधा से अचानक वंचित करना: किसी भी मौजूदा सुविधा को अचानक और बिना पर्याप्त सूचना के बंद करना या बदलना, खासकर कर्मचारियों के बड़े हित को प्रभावित करने वाला, अमानवीय माना जा सकता है।
यदि यह कदम बिना किसी स्पष्टीकरण या वैकल्पिक समाधान के उठाया गया है, तो पुनर्विचार की मांग संघ द्वारा किया जाता हैं।
रिटेंशन पॉलिसी के तहत लाइसेंस पद्धति के तहत जमा राशि (₹5 से ₹9 लाख) और समायोजन: यदि कर्मचारियों ने रिटेंशन सुविधा के लिए पहले ही एक बड़ी राशि जमा कर दी है ।
इस राशि को आवास रिटेंशन जारी रखने के लिए सुरक्षा जमा (Security Deposit) के रूप में रखा जाए। प्रबंधन द्वारा इस जमा राशि का ब्याज भी नहीं देता या इस राशि का उपयोग लंबित ग्रेच्युटी और लीज नगदीकरण (Leave Encashment) के भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए किया जाए, जिससे कर्मचारी अपनी आगे की आवास व्यवस्था कर सकें। मकान के रिटेंनश के रेट में जो वृद्धि की गई है वह नजायद है
इसे तुरंत प्रभाव से हटाया जाना चाहिए।
ग्रेच्युटी और लीव नगदीकरण का भुगतान: कर्मचारी के परिश्रम से अर्जित लाभ (Earned Benefits) हैं। प्रबंधन को रिटेंशन सुविधा पर निर्णय लेने से पहले, इन बकायों का शीघ्र और पूर्ण भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए ताकि कर्मचारियों को आर्थिक रूप से नुकसान न हो।
अधिकारी और कर्मचारी के बीच लाभों में अंतर और रेट में अंतर: यह मुद्दा लगभग सभी बड़े सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) में मौजूद रहा है। अधिकारियों (Executives) और कर्मचारियों (Non-Executives) के लिए आवास के प्रकार, वेतनमान और परिणामस्वरूप क्वार्टर रिटेंशन के नियमों और किराए/शुल्क में अक्सर अंतर होता है। रिटेंशन शुल्क वेतनमान, क्वार्टर के प्रकार और कर्मचारी/अधिकारी की श्रेणी के अनुपात में हो, न कि सभी के लिए एक समान और कठोर न हो।
कर्मचारीयूनियनों के साथ औपचारिक रूप से बातचीत नहीं किया गया : संघबाप सभी प्रभावित कर्मचारियों की ओर से कार्यकारी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) या नगर सेवा विभाग को एक औपचारिक मांगों (जमा राशि का समायोजन, ग्रेच्युटी/लीव नकदीकरण का भुगतान, और रिटेंशन नियमों पर पुनर्विचार) को विस्तार से बताया जाना चाहिए ।प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों में भारी रोष एवं असंतोष व्याप्त है ।जो कभी भी उग्र प्रदर्शन एवं आंदोलन का रूप लेने की संभावना है ।
यदि स्थानीय प्रबंधन से समाधान नहीं होता है, तो सेल के कॉर्पोरेट ऑफिस (दिल्ली) या इस्पात मंत्रालय के समक्ष ज्ञापन सौंपा जाएगा। सेक्टर 9 अस्पताल के निजीकरण की बात भी सामने आ रही है। जिसके कारण अस्पताल के स्टाफ़ एवं कर्मचारी चिंतित हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र के स्कूलों के निजीकरण की भी बात कही जा रही है भिलाई इस्पात मजदूर संघ निजीकरण का कड़ा विरोध करता है।संयंत्र में अंदर ट्रक ट्रेक्टर ट्रॉली ट्रकों एवं वाहनों की तेज आवाजाही से यातायात व्यवस्था प्रभावित एवं बाधित हो रही है एवं लगातार एक्सीडेंट होने की स्थिति निर्मित हो रही है एवं कई कर्मचारियों की एक्सीडेंट में मृत्यु हो चुकी है वाहन चालकों के द्वारा शराब पीकर वाहन चलाने एवं ट्रक एवं वाहनों के फिटनेस अनिवार्य रूप से करवाया जाए ठेकेदार द्वारा वाहन चालकों के गेट पास पुलिस वेरिफ़िकेशन को अनिवार्य किया जाना चाहिए। संयुक्त रूप से सभी श्रम संगठनों एवं कर्मचारी परेशान होकर सभी सामाजिक संगठनों से चर्चा कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी एवं प्रबंधन के खिलाफ धरना प्रदर्शन एवं उग्र आंदोलन किया जाएगा।
बैठक में प्रमुख रूप से संघ के उपाध्यक्ष डिल्ली राव, मृगेंद्र कुमार, सुधीर गडेवाल ,जगजीत सिंह, संयुक्त महामन्त्री अनिल गजभिये, प्रदीप कुमार पाल, जोगेंद्र कुमार, गंगा राम चौबे, अखिलेश उपाध्याय, ए.वेंकट रमैया, संतोष सिंह, संजय कुमार साकुरे, अनिल शुक्ला, संतोष जगन्नाथ नाले एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे।



