भिलाई। 09 जून, 2025, (सीजी संदेश) : प्रायः हम सभी समझते हैं शारीरिक आसन या प्राणायाम योग है । जबकि मेडिटेशन का अर्थ है योग या जोड़ (कनेक्शन)| आत्मा के मन और बुद्धि के तार परमात्मा के साथ जोड़ना । मेडिटेशन माना विचार शून्य होना नहीं बल्कि नेगेटिव, वेस्ट विचारों को खत्म करना | यह बातें इंदौर से पधारी तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रम्हाकुमारी पूनम दीदी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 पीस ऑडिटोरियम में आयोजित नौ दिवसीय “अलविदा तनाव शिविर” के छठवें दिन के सत्र “मेडिटेशन द्वारा समस्याओं का समाधान” विषय पर कही | राजयोग द्वारा परमपिता परमात्मा से सारे रिश्तों का अनुभव हम मेडिटेशन में करते हैं | इसमें परमात्मा से मांगा नहीं जाता बल्कि संबंध जोड़ने से स्वत: सर्व प्राप्तियां होती हैं | हर चीज का अपना गुण होता है जैसे पानी का गुण शीतल, सूर्य का गुण गर्मी वैसे ही आत्मा के सात मूल गुण हैं – सुख, शांति, प्रेम, आनंद, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति | मेडिकल साईंस की रिसर्च के अनुसार पवित्रता में हीलिंग पावर है |
परमात्मा के बाद दूसरा डॉक्टर है हमारा अंतर्मन | तीसरे है दुनिया के सम्माननीय डॉक्टर | घर में एक स्थान फिक्स कर लें | वहां बैठ कर रोज अभ्यास करें कि परमात्मा की शांति के प्रकम्पन पर मुझमें आ रहे हैं, फिर घर की एक-एक कमरे व व्यक्ति को जा रहे हैं | इससे दु:ख, तनाव, विघ्न, बीमारियां खत्म होने लगेंगी। कोई 1 मिनट में क्रोध या अशांति के प्रकंम्पन फैला देते हैं तो हमें 1 मिनट में शांति के प्रकम्पन फैलाने का अभ्यास करना है। आज का अभ्यास के लिए उन्होंने स्प्रीचुअल इंजेक्शन (मंत्र) दिया – “मैं सर्वशक्तिवान परमात्मा की छत्रछाया के नीचे हूँ |” इसका स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे वो छतरी बारिश-धूप से बचाती है वैसे ही शिव बाबा की शक्तियों की छतरी के नीचे दु:ख, बीमारी, भय, तनाव का अनुभव नहीं होगा | अब परमात्मा की छत्रछाया की नीचे जीने की आदत डालिये। अंत में “ध्यान उत्सव” मनाया गया जिसके लिए मंच को बहुत सुंदर छतरियों से सजाया गया था। इस मेडिटेशन अभ्यास के बाद हरेक को परमात्म साथ व सुरक्षा का अनुभव हुआ। शिविर 11 जून तक प्रतिदिन संध्या 7:00 से 8:30 बजे तक चलेगा।