दुर्ग 7 जुलाई 2025। आल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम के बैनर तले महाबोधि महाविहार बौद्धगया को बौद्धो को सौंपे जाने की मांग को लेकर दुर्ग भिलाई के सभी बौद्ध उपासक उपासिकाओ का संयुक्त धरना-प्रदर्शन डा. राजेन्द्र प्रसाद चौक दुर्ग मे विगत 2 जुलाई से लगातार जारी है। धरना-प्रदर्शन को निरंतर भिलाई दुर्ग सहित दुर्ग जिले के सभी सामाजिक संगठनो सहित स्कूली छात्र छात्राओ का भी समर्थन प्राप्त हो रहा है और प्रदर्शनकारियो की संख्या मे लगातार वृद्धि हो रही है।बौद्धगया बिहार स्थित महाबोधि महाविहार का संचालन पंडे पुजारियो द्वारा किये जाने और बौद्ध भिक्षुओ को नेतृत्व व संचालन नही सौंपे जाने से व्यथित होकर हजारो बौद्ध भिक्षुओ द्वारा बौद्धगया बिहार मे फरवरी-मार्च से धरना-प्रदर्शन आंदोलन लगातार जारी है लेकिन बिहार सरकार बौद्धो की एकसूत्रीय मांग को ना मानकर हठधर्मिता का परिचय दे रही है ।इससे उद्वेलित होकर बिहार मे जारी बौद्ध भिक्षुओ के आंदोलन के समर्थन मे भारत के सभी राज्यो व जिलो मे 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन आंदोलन प्रारंभ कर चुके है। डा.राजेन्द्र प्रसाद चौक दुर्ग मे जिला स्तरीय धरना-प्रदर्शन आंदोलन को संबोधित करते हुए सविता बौद्ध श्रामणेरी ने कहा कि जिस प्रकार मंदिर मे पुजारी, मस्जिद मे मौलाना, चर्च मे पादरी अपने धार्मिक रीति-रिवाज से अपनी धार्मिक गतिविधियो को अंजाम देते है ,तो बिहार के बौद्धगया स्थित महाबोधि महाविहार मे बौद्ध भिक्षुओ को इसका संचालन व कार्यभार क्यो नही सौंपा जा रहा है। क्यो पंडे पुजारियो को बौद्धो पर जबरदस्ती लादा जा रहा है, भारत सरकार को बौद्धो के हितो का ध्यान रखते हुए इस मुद्दे पर गंभीरतापूर्वक विचार कर हल निकालना चाहिए। धरना-प्रदर्शन को समर्थन प्रदान करते हुए एससी एसटी ओबीसी संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव व दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मेश्राम ने कहा कि बी.टी.एम.सी.एक्ट 1949 को रद्द कर बौद्धगया महाविहार समिति का प्रमुख किसी बौद्ध भिक्षु या किसी बुद्धिस्ट सदस्य को बनाकर संपूर्ण संचालन बौद्धो को सौंप देना चाहिए इस मामले मे बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शीघ्र हस्तक्षेप करते हुए बौद्धो के हित मे निर्णय पारित कराया जाना चाहिए। नवीन कीर्ति बौद्ध बालाघाट ने कहा कि भगवान बुद्ध शांति व अहिंसा के प्रेरक थे जिन्हे पूरी दुनिया सिंबल आफ पीस कहकर बुद्ध भूमि भारत को नमन करती है वही उनके बुद्धत्व प्राप्ति स्थल ज्ञान की नगरी बिहार मे उनके धम्मानुयायियों की उपेक्षा की जा रही है जो कि न्यायसंगत नही है। केन्द्र सरकार व बिहार राज्य सरकार को इसका समाधानकारक हल निकाल कर देश मे अमन-चैन स्थापित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियो को संबोधित करते हुए समाजसेवी सुधेश रामटेके,सिद्धार्थ बोरकर, भूषण नादिया,अरविंद चौधरी,अनिल जोग,आशीष चौहान,लता बौद्ध, सुनंदा गजभिये, अल्का ताई बौद्ध, जयश्री बौद्ध सहित अनेक वक्ताओ ने कहा कि यह आंदोलन अब बौद्धो की अस्मिता और प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। इसलिए सभी बौद्ध उपासक उपासिकाओ को एकजुट होकर आंदोलन को तेज करना होगा और जुलाई के अंत तक यदि बौद्धो के हित मे कोई निर्णय नही लिया जाता है तो पूरे देश मे आंदोलन के स्वरूप मे परिवर्तन कर शांतिपूर्ण मार्ग के स्थान पर क्रांतिकारी रास्ता अपनाने विवश होना पड़ेगा। धरना-प्रदर्शन मे भारी संख्या मे स्कूली छात्र छात्राओ ने पहुंच कर अपना समर्थन प्रदान किया और अनेक बुद्ध भीम गीत गाकर, भाषण देकर तथा नारेबाजी कर माहौल को जोशीला बना दिया गया। धरना-प्रदर्शन आंदोलन मे पूज्य भिक्षु संघ के साथ स्वप्निल बंसोड, सुभाष मेश्राम, रामाराव ढोक, दशरथ अहिरवार, अरविंद गोंडाने, महेंद्र चौहान, आशाराम वाहने, पुष्पा रंगारी, कांता गजभिये, इंदु ढोक, शोभा पाटिल, मायावती थूल, इंदिरा वासनिक, योगा डोंगरे, पंचशीला मेश्राम, शीला अंबादे, किरण गणवीर, नलिनी चौहान, विद्या मेश्राम, लक्ष्मी वासनिक, नंदा गोस्वामी, भूमिका सहारे सहित अनेक लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अरविंद चौधरी, अनिल जोग व आशीष चौहान ने किया।
महाबोधि महाविहार बौद्धगया का संचालन बौद्धो को सौंपा जाये – अनिल मेश्राम,,,,डा. राजेन्द्र प्रसाद चौक दुर्ग मे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी

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