भिलाई। 28 दिसम्बर 2022 (सीजी संदेश) : शिवानंद योग निकेतन नेहरू नगर भिलाई के तत्वावधान में जारी रामकथा में कथा व्यास पंडित नीलमणि दीक्षित (नित्य सत्संग मंडल दमोह) का दिव्य उद्बोधन जारी है। अपने सुमधुर कंठ से रस विभोर कर देने वाली कथा शैली में पांचवें दिन बुधवार 28 दिसंबर के मानस प्रसंग में उन्होंने भरत के शोक की पराकाष्ठा का संवेदना पूर्ण विवेचन किया। उन्होंने कहा कि-भारद्वाज ऋषि के आश्रम से जब भरत चित्रकूट की ओर अपनी संपूर्ण प्रजा के साथ प्रस्थान कर रहे हैं तो प्रेम मूर्ति भरत की दशा को देखकर इंद्र डर के कारण अपने गुरु वशिष्ठ से कह रहे हैं कि ‘भरत तो प्रेम के पयोधि अर्थात समुद्र है’ कहीं ऐसा ना हो कि उनके प्रेम के वश में आकर राम अवधपुरी चले जाएं। अत: हे गुरु आप कुछ कीजिए।
फिर भक्ति से सराबोर होकर जब पंडित नीलमणि दीक्षित मानस का दोहा-‘राम भगत परहित निरत पर दुख दुखी दयाल,भगत शिरोमणि भरत ते जनि डरपहु सुरपाल।’ उल्लेखित करते हुए कहते हैं कि वशिष्ठ जी कहते हैं हे देव इन्द्र राम भक्त तो सदा दूसरों के हित में लगे रहते हैं। वह हमेशा दूसरों के दुख से दुखी एवं दयालु होते रहते हैं। उसमें भरत तो भक्ति के शिरोमणि है उन से डरने की आवश्यकता नहीं है। गोस्वामी तुलसीदास की लेखनी की विलक्षण प्रतिभा से अभिभूत होकर अनन्य भक्ति से मानस के दोहों के एक एक शब्द का गूढ़ अर्थ प्रकट करते हुए इतने भावुक हो जाते हैं कि बरबस ही उनकी आंखों से अश्रुधारा बहने लगती है जिसे देख-सुनकर भक्त मंडली भी अवधपुरी की प्रजा के समान चित्रकूट में जाते हुए मानस के दोहों के साथ रसास्वादन करते नजर आते हैं।
उल्लेखनीय है कि कृष्णा पब्लिक स्कूल नेहरू नगर भिलाई में इस बार 7 दिवसीय रामकथा का आयोजन 24 दिसंबर से 30 दिसंबर तक रोजाना अपराह्न 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक किया जा रहा है।