भिलाई। 06 मई, 2025, (सीजी संदेश) : 18 मार्च को दिल्ली में आयोजित हुए अखिल भारतीय कन्वेंशन में लिए गए निर्णय के तहत भिलाई में संयुक्त ट्रेड यूनियन ने निदेशक प्रभारी को औद्योगिक संबंध विभाग के माध्यम से 20 मई 2025 के लिए एक दिन का हड़ताल का नोटिस दिया संयुक्त यूनियन ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कामगार वर्ग पर हमला कर रही है 29 श्रम कानून को खत्म करके चार श्रम संहिताओं को बनाया गया है इसके लागू होने से कर्मी धीरे-धीरे गुलामी की तरफ चल जायेंगे।
अपने आप खत्म हो जाएगा स्टैंडिंग आर्डर
नए श्रम संहिताओं के अनुसार 300 से कम कर्मियों वाले फैक्ट्री पर श्रम कानून लागू नहीं होगा। भिलाई इस्पात संयंत्र लगभग 40 फैक्ट्रियां हैं इनमें से अधिकांश विभाग ऐसे हैं जहां 300 से कम स्थाई कर्मी कार्यरत हैं ऐसे में उन विभागों में कार्यरत कर्मियों पर श्रम कानून एवं स्थाई आदेश लागू ही नहीं होगा।
मई दिवस याद दिलाता है 8 घंटे का अधिकार
1 मई को मजदूर दिवस 8 घंटे के काम के अधिकार की याद दिलाता है जिसके लिए देश और दुनिया भर में लंबे संघर्ष किये गये किंतु मौजूदा केंद्र सरकार 8 घंटे के काम के अधिकार को छीनकर काम के घंटे 12 करना चाहती है जबकि पूरे विश्व में काम के घंटे 8 से घटाकर 6 घंटे करने एवं सप्ताह में कार्य दिवस 5 दिन करवाने के लिए संघर्ष जारी है।
आजाद भारत का सबसे बड़ी हड़ताल की तैयारी
श्रम कानून पर हो रहे हमले के खिलाफ 20 मई को आजाद भारत का सबसे बड़ी हड़ताल करने तैयारी की जा रही है। हड़ताल में सार्वजनिक उद्योग निजी उद्योग सहित अस्थाई श्रमिक एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिक भागीदारी करेंगे क्योंकि वह अच्छे से जान चुके हैं कि एक बार यदि यह श्रम संहिताए लागू हो गई तो मजदूर को गुलामी के जंजीरों में जकड़ना शुरू कर देगी इसके खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ी जानी जरूरी है।
महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति देता है नई श्रम संहिताएं
आम जन के चहल पहल वाले स्थान अर्थात रेलवे स्टेशन अस्पताल आदि को छोड़कर रात्रि पाली में महिलाओं से काम लेना पूरी तरह से प्रतिबंधित है यह केवल और केवल महिलाओं के सुरक्षा को लेकर बनाए गए कानून है किंतु इस नए श्रम संहिताओं के आने से वह सारी बंदिशे खत्म हो जाएगी क्योंकि निजी उद्योग के मालिक चाहते हैं कि उन्हें महिलाएं रात्रि पाली में भी उपलब्ध रहे।
एक दिन के अनाधिकृत अनुपस्थिति पर आठ दिन का वेतन काट सकता है प्रबंधन
इन श्रम संहिताओं में यह प्रावधान किया गया है किसी भी कामगार के एक दिन के अनाधिकृत अनुपस्थिति पर 8 दिन का वेतन काटा जा सकता है अब किसी कामगार के द्वारा पहले से घोषित छुट्टी लेने के बावजूद यदि अधिकारी द्वारा कोई कारण बताकर उसे पास ना किए जाने पर उस अनुपस्थिति को अनाधिकृत माना जा सकता है एवं उसे एक दिन की अनुपस्थिति के बदले में 8 दिन का वेतन काटा जा सकता है।
श्रम संहिताओं के लागू होने से टल सकता है आगामी वेतन समझौता
केंद्र में सत्तासीन होने के बाद से ही मौजूदा केंद्र सरकार कामगार वर्ग पर हमलावर है 2017 में अफॉर्डेबिलिटी क्लाज लागू करके कर्मियों के वेतन समझौता पर चोट किया है जिसके कारण सेल प्रबंधन द्वारा कर्मियों का 39 महीने का एरियर्स रोक दिया गया है असीमित ग्रेच्युटी को एक तरफ सिलिंग कर दिया गया है वेतन समझौते की अवधि 5 साल से बढ़ा कर 10 साल कर दिया गया है ऐसे में इन नए श्रम संहिताओं के लागू होने से 2027 में होने वाले वेतन समझौता पर भी विपरीत असर पड़ेगा इसीलिए इन श्रम संहिताओं को रोकने के लिए सभी कामगारों को अपने हिस्से की लड़ाई लड़नी होगी।



