दुर्ग 22 सितंबर 2025। गंजपारा में स्थित श्री सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर एवं पुरानी गंजमडी में इस क्वांर पर्व में माता जी को पंडाल में विराजमान करने के पूर्व विगत 48 वर्षों की परम्परानुसार दोनों बहनों पुरानी गंजमण्डी में विराजमान होने वाली माता बड़ी बहन एवं सत्तीचौरा में विराजमान होने वाली माता छोटी बहन को पंडाल में स्थापित करने के पूर्व नगर भ्रमण के दौरान एक स्थान पर मिलाया गया।दोनों बहन के इस मिलन को देखने दूर दूर से और शहर के विभिन्न स्थानों से धर्मप्रेमी आते है। मिलन का प्रत्यक्ष दर्शन किये, पूर्वजों की बनाई हुई इस परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है।
समिति के सुजल ईशान मोनू शर्मा ने बताया कि पुराने लोगों के माने तो यह पहले गंजमंडी में स्थापित होने वाली माता की प्रतिमा के साथ विराजमान होती थीं। दोनों को बहनों की तरह माना जाता है। बाद में अलग से समिति का गठन हुआ। आज भी प्रतिमा की स्थापना के दौरान दोनों प्रतिमाओं को आमने-सामने से होकर एक बार अवश्य गुजारा जाता है। फिर उसके बाद पंडाल में विराजमान किया जाता है ।दोनों समिति के बुजुर्ग बताते है कि जब तक यह दोनों बहन एक दूसरे को देख नही लेते तब तक वे पण्डाल में विराजमान नही होते जिसका कई बार प्रत्यक्ष प्रमाण भी मिला है। जो माता को 10 लोग गाड़ी में चढ़ा और उतार देते है और अगर ये बहने एक दूसरे को नही देखते है तो उसी माताओं को 100 लोग मिलकर भी गाड़ी से उतार चढा नही सकते, यह प्रमाणित हुआ है।
इस वर्ष दोनों माताओ का मिलन सत्तीचौरा में हुआ जहां पर सत्तीचौरा समिति द्वारा ऐतहासिक स्वागत किया गया। दोनो माताओं के ऊपर फूल एवं विभिन्न रंगों की वर्षा करते हुए दोनों माताओ की आरती की गयी। जिसको देख सभी उपस्थित भक्त गन झूमते नाचते गाते रहे।श्री सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष क्वांर नवरात्र पर्व में दिनाक 22 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक प्रतिदिन प्रातः 9 बजे माता जी का अलग अलग धर्मप्रेमियों द्वारा अभिषेक किया जावेगा। नौ दिवस दोपहर 12 बजे 108 कन्या माताओं के पूजन एवं कन्या भोज कराया जावेगा। इस वर्ष क्वांर नवरात्र पर्व में सत्तीचौरा में आकर्षित झांकी भी बनाई गई है, इस वर्ष सत्तीचौरा में बरहा ज्योतिर्लिंग दर्शन, शिव वाटिका दर्श 2 अलग अलग झांकी रखी गयी हैं ।मंदिर परिसर में दिनाक 27 सितम्बर पंचमी को 108 दीपो से माता जी को महाआरती 30 सितम्बर अष्टमी को माता जी को 56 भोग चढ़ाया जावेगा। 1अक्टूबर नवमी में ज्योत विसर्जन इस वर्ष मंदिर परिसर में 371 ज्योत रखी गयी है। 2 अक्टूबर दशमी में प्रदेश का सबसे बड़ा कन्या भोज का आयोजन किया गया है एवं दिनांक 3 अक्टूबर को माता जी की मूर्ति विसर्जन शोभायात्रा निकाली जावेगी।