हर दिन अपने साथ कोई न कोई विशेष संदेश लेकर आता है, लेकिन 24 अक्टूबर का दिन इतिहास, समर्पण और मानवता की भावना का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। यह वह दिन है जब विश्व समुदाय शांति और एकता का पर्व संयुक्त राष्ट्र दिवस के रूप में मनाता है, भारत अपने वीर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के साहस को सलाम करता है, और पूरी दुनिया विश्व पोलियो दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य और मानव जीवन की रक्षा का संकल्प दोहराती है। 24 अक्टूबर 2025 न केवल कैलेंडर की एक तिथि है, बल्कि यह वैश्विक एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और जनस्वास्थ्य की तीन अमूल्य धरोहरों को एक साथ समेटे हुए है।
संयुक्त राष्ट्र दिवस इतिहास एवं स्थापना
24 अक्टूबर 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका के बाद शांति, सुरक्षा और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र संगठन (United Nations) की स्थापना हुई थी। इसी दिन संयुक्त राष्ट्र चार्टर (UN Charter) लागू हुआ, जिसने दुनिया को एक साझा मंच दिया जहाँ सभी राष्ट्र समान रूप से संवाद कर सकें।
संयुक्त राष्ट्र दिवस का महत्व
संयुक्त राष्ट्र दिवस विश्वभर में “वैश्विक एकता और शांति” के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि मानवता के सामने आने वाली चुनौतियाँ — जलवायु परिवर्तन, गरीबी, युद्ध, मानवाधिकारों का उल्लंघन — किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरी मानव जाति की जिम्मेदारी हैं।
संयुक्त राष्ट्र दिवस 2025 की थीम (संभावित):
“Building Peace Through Global Solidarity” अर्थात वैश्विक एकता के माध्यम से शांति की स्थापना।
संयुक्त राष्ट्र दिवस का उद्देश्य
* अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना।
* देशों के बीच मित्रतापूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना।
* मानवाधिकारों, लैंगिक समानता और सतत विकास के लक्ष्यों को आगे बढ़ाना।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल स्थापना दिवस
इतिहास: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के बाद की गई थी। इसका उद्देश्य भारत की हिमालयी सीमाओं की रक्षा करना था।
विशेषता: ITBP को “हिमवीरों का बल” कहा जाता है क्योंकि इसके जवान भारत की सबसे कठिन भौगोलिक परिस्थितियों — बर्फ से ढकी चोटियों, -40°C तापमान और ऊँचाई पर स्थित सीमाओं — पर तैनात रहते हैं।
महत्व और भूमिका
* भारत की चीन सीमा (तिब्बत सीमा) की सुरक्षा करना।
* सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों को सुरक्षा और राहत प्रदान करना।
* प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत और बचाव कार्यों में सहयोग देना।
* अंतरराष्ट्रीय शांति मिशनों में भारत का प्रतिनिधित्व करना।
2025 में ITBP की उपलब्धियाँ
* आधुनिक हथियारों और डिजिटल निगरानी प्रणालियों के साथ सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ किया गया है।
* महिला अधिकारियों की भागीदारी में निरंतर वृद्धि हुई है।
* पर्यावरण संरक्षण और हिमालयी क्षेत्र में वनारोपण के अभियानों में ITBP अग्रणी रही है।

विश्व पोलियो दिवस (World Polio Day)
इतिहास : विश्व पोलियो दिवस जोन्स सॉल्क (Jonas Salk) के जन्मदिन पर मनाया जाता है, जिन्होंने पोलियो के खिलाफ पहली प्रभावी वैक्सीन विकसित की थी। इस दिन को पोलियो उन्मूलन अभियान की उपलब्धियों और जागरूकता के लिए समर्पित किया गया है।
महत्व : पोलियो एक गंभीर संक्रामक रोग है जो बच्चों को स्थायी रूप से अपंग बना सकता है। भारत ने 2014 में पोलियो-मुक्त देश का दर्जा प्राप्त किया था — जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
उद्देश्य : पोलियो के पूर्ण उन्मूलन के लिए वैश्विक प्रयासों को मजबूत करना।
* टीकाकरण के महत्व को समझाना।
* बच्चों को “दो बूंद जिंदगी की” संदेश के साथ सुरक्षित बनाना।
2025 की प्रासंगिकता
हालाँकि भारत पोलियो-मुक्त है, लेकिन दुनिया के कुछ देशों में अभी भी पोलियो के मामले पाए जाते हैं। इसलिए वैश्विक स्तर पर सतत निगरानी और वैक्सिनेशन अभियानों की आवश्यकता बनी हुई है।
24 अक्टूबर न केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज एक साधारण तिथि है, बल्कि यह दिन “शांति, सुरक्षा और स्वास्थ्य” तीनों मूल स्तंभों का प्रतीक है —
* संयुक्त राष्ट्र दिवस हमें वैश्विक सहयोग और एकता की याद दिलाता है,
* ITBP दिवस हमें राष्ट्रीय सुरक्षा और बलिदान की भावना से प्रेरित करता है,
* विश्व पोलियो दिवस हमें मानवता और स्वास्थ्य सुरक्षा के महत्व की शिक्षा देता है।
24 अक्टूबर 2025 हमें यह स्मरण कराता है कि दुनिया का वास्तविक विकास केवल आर्थिक शक्ति से नहीं, बल्कि मानवता, सहयोग और सेवा की भावना से संभव है। जहाँ संयुक्त राष्ट्र हमें वैश्विक भाईचारे का मार्ग दिखाता है, वहीं ITBP के जवान राष्ट्र की सीमाओं पर अपनी निष्ठा और साहस से हमारी सुरक्षा का कवच बनते हैं, और विश्व पोलियो दिवस हमें बताता है कि छोटी-सी वैक्सीन भी पूरी मानवता के भविष्य को बदल सकती है। यह दिन हमें यह संकल्प लेने के लिए प्रेरित करता है —
> “हम सब एक हैं, और मिलकर ही एक सुरक्षित, स्वस्थ और शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण कर सकते हैं।”



