दुर्ग। 24 फरवरी, 2023, (सीजी संदेश) : 22 फरवरी को दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग एवं कामधेनु पंचगव्य अनुसंधान विस्तार केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में ग्राम अंजोरा ढाबा में निःशुल्क मानव चिकित्सा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम भी स्वास्थ्य शिविर में सहभागी रही। शिविर में कॉलेज की एनएसएस टीम भी ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य किया एवं पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वृक्षारोपण का कार्य किया। शिविर का उद्घाटन विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. (कर्नल) एनपी दक्षिणकर द्वारा किया गया एवं उन्होंने सभी को इस कार्य के लिए शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम अंजोरा ढाबा की सरपंच श्रीमती ठाकुर ने किया । कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में अधिष्ठाता पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग डॉ. एसके तिवारी उपस्थित रहे। अधिष्ठाता डॉ. एसके तिवारी ने इस शिविर की योजना की अध्यक्षता की एवं विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश मिश्रा को समन्वय की जिम्मेदारी दी तथा इस शिविर को सफल बनाने एवं ग्रामीणों को इस शिविर में मिलने वाली सुविधा हेतु एनएसएस टीम के प्रभारी डॉ. ओसामा सलीम एवं डॉ. रैना दोनोरिया तथा गौठान प्रभारी वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. एके सांतरा को जिम्मेदारी सौंपी थी। इस शिविर हेतु डॉ. एके सांतरा, विभागाध्यक्ष एवं नोडल अधिकारी गौठान ने ग्रामीणों को 3 दिनों से जागरूक किया। आज के शिविर में 183 ग्रामीणों को उपचारित किया गया जिसमें से लगभग 70 वरिष्ठ नागरिक थे जिन्हें ताकत एवं रसायन औषधियों का भी निःशुल्क वितरण किया गया। इस शिविर में 90 महिलाएं, 40 पुरुष एवं 53 बच्चों का स्वास्थ्य जांच एवं निःशुल्क दवा वितरण किया गया। एनएसएस अधिकारी डॉ. ओसामा कलीम एवं डॉ .रैना दोनोरिया द्वारा एनएसएस छात्र-छात्राओं की सहभागिता इस कार्यक्रम में शत-प्रतिशत कराई गई। तथा उनके द्वारा ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ की जानकारी दी गई। इस शिविर में स्वास्थ्य विभाग जिला दुर्ग से चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम देशमुख, नरेंद्र जैन, ग्रामीण चिकित्सा सहायक केके मेश्राम, गीतू देशमुख, नेहा सालोमन, सरस्वती साहू, राजेंद्र मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित रहे।इस शिविर को सफल बनाने के लिए एनएसएस के 32 छात्र-छात्राओं ने अपनी-अपनी सेवाएं दी।