आयुर्वेद के अनुसार जल्दी में किया गया स्नान, जल्दबाजी में किए गये भोजन के समान है, जिससे आपका शरीर ना तो ठीक से साफ हो पाता है और ना ही ठीक से सभी लाभो को प्राप्त कर पाता है। ताजग़ी हासिल करने के लिए, एक अच्छे स्नान का अनुभव बहुत जरूरी होता है।
> इस तरह नहाना चाहिए कि आपके शरीर का हर हिस्सा अच्छे से साफ हो।
> आयुर्वेद के अनुसार आपको नीचे दी गई प्रक्रिया के अनुसार स्नान करना चाहिए
> सबसे पहले अपने हाथ और पैर धो लें।
> अगर आप ठंडे पानी से स्नान कर रहे हैं, तो आपको सिर से पाँव की ओर बढऩा चाहिए।
> और अगर आप गर्म पानी के साथ स्नान कर रहे हैं, तो पहले अपने पैर की अंगुलियों से शुरू करें और फिर सिर की ओर बढ़ें।
> साबुन के लिए, रसायनों से भरपूर साबुन जो बाज़ार में उपलब्ध हैं, उनका उपयोग करने से बचें। इन साबुनों से त्वचा सभी रसायनों को अवशोषित करती है।
> स्नान से पहले सरसों के तेल या तिल के तेल के साथ अच्छी तरह से मालिश करना आपके शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इससे मांसपेशियों को नई ऊर्जा मिलती है और त्वचा की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
> हालांकि आपको स्नान करते समय जल्दी नहीं करनी चाहिए, लेकिन बहुत देर तक स्नान करने का भी सुझाव नहीं दिया जाता है। इसके अलावा, बेहतर स्वच्छता के लिए, एक दिन में दो बार स्नान करना पर्याप्त होता है।
> आप पानी में कुछ नीम के पत्ते मिला सकते हैं और कुछ समय के बाद इस पानी से नहा लें। यह आपकी त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करेगा।
good morning : स्नान करने का तरीका आयुर्वेद के अनुसार
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