भिलाई। 23 जुलाई, 2024, (सीजी संदेश) : अपनी मांगों को लेकर नगरनार में जय झाड़ेश्वर परिवहन संघ की हड़ताल लगातार जारी है। संघ के पदाधिकारी सदस्य धरने पर बैठे हैं। उनकी मांगों का समर्थन करने हिंद मजदूर सभा के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष एचएस मिश्रा और नगरनार इस्पात कर्मचारी यूनियन एचएमएस के महामंत्री आरके गिरी धरना स्थल पर पहुंचे।
आंदोलन से भाग लेकर भिलाई लौटे हिंद मजदूर सभा के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष एचएस मिश्रा ने बताया कि जय झाड़ेश्वर सहकारी परिवहन समिति के पदाधिकारी व सदस्य नगरनार में एनएमडीसी द्वारा स्थापित इस्पात संयंत्र में स्थानीय परिवहन व्यवसायियों को परिवहन का कार्य देने, स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी पर रखने, अस्पताल एवं स्कूल की सुविधा उपलब्ध कराने, प्रदूषण पर नियंत्रण रखने आदि मांगों को लेकर लगभग सालभर से आंदोलन करते आ रहे हैं। बावजूद एनएमडीसी प्रबंधन कोई पहल नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि नगरनार इस्पात संयंत्र के स्थानीय अधिकारी संयंत्र से निकलने वाले मटेरियल्स में गड़बड़ी करने के लिए ही बाहरी परिवहन व्यवसायियों को अहमियत देते आ रहे हैं। फर्जी नंबर प्लेटों के सहारे व एक ही नंबर वाले दो वाहनों से माल की निकासी में गड़बड़ी का खेल यहां चल रहा है। इस तरह का एक बड़ा मामला सीआईएसएफ ने कुछ माह पहले पकड़ा भी था और केस पुलिस तक भी पहुंचा था। इसी वजह से स्थानीय परिवहन व्यवसायियों को काम नहीं दिया जा रहा है। जबकि इस्पात संयंत्र स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान प्रभावित 11 ग्राम पंचायतों को वचन दिया गया था कि परिवहन, नौकरी, स्कूल शिक्षा, चिकित्सा आदि में स्थानीय लोगों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस करार से पीछे हटते हुए स्थानीय प्रबंधन बाहरी ट्रांसपोर्टर्स को लगातार परिवहन का काम देता आ रहा है, स्थानीय बेरोजगार युवाओं की उपेक्षा करते हुए छत्तीसगढ़ के अन्य भागों तथा दीगर राज्यों के लोगों को नौकरियां दी जा रही हैं। प्रबंधन ने सर्व सुविधाओं से युक्त हॉस्पिटल खोलने की बात कही थी, जिसका अब तक कोई अता पता नहीं है। स्कूल खोला भी गया है, तो वहां स्थानीय ग्रामीणों के बच्चों के बच्चों को दाखिला नहीं दिया जा रहा है। जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण का दंश स्थानीय ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है। संयंत्र से निकलने वाले जहरीले केमिकल युक्त पानी से किसानों के खेत बंजर हो रहे हैं, तालाब के पानी में जहर घुल रहा है, जिसे पीकर मवेशी और पक्षी मर रहे हैं, तालाब में ग्रामीण निस्तार नहीं कर पा रहे हैं। वहीं संयंत्र से उठने वाली डस्ट से लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैं। संयंत्र की मशीनों की तेज आवाज से बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, लोगों के कानों के पर्दे फट रहे हैं और लोग बहरे होते जा रहे हैं। इंसाफ के लिए आवाज उठाते उठाते अब ग्रामीण गूंगे बन चुके हैं। कुल मिलाकर नगरनार इस्पात संयंत्र नगरनार समेत आसपास के गांवों के लिए अभिशाप बन गया है। परिवहन समिति के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे हिंद मजदूर सभा के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष एचएस मिश्रा और नगरनार इस्पात कर्मचारी यूनियन एचएमएस के महामंत्री आरके गिरी ने आंदोलन को और भी मुखर करने के लिए पूर्ण सहयोग देने की बात कही। इस अवसर पर नगरनार मंडल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष गीता मिश्रा भी उपस्थित थीं।