नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र आरंभ होने से पहले कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से आरंभ होकर 13 दिसंबर तक चलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्र के दौरान उच्च स्तर की चर्चाएं होनी चाहिए जिसमें सभी सांसद शामिल हों।
प्रधानमंत्री ने सत्र शुरू होने से कुछ मिनट पहले मीडिया से कहा, ‘संविधान देश की एकता, अखंडता और विविधता को समेटे हुए है। पिछले दिनों सभी दलों के नेताओं से मिलने का मौका मिला, जिस तरह से पिछला सत्र सभी दलों के सहयोग से चला था, इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहती है। वाद हो-विवाद हो और इसके साथ ही सदन की चर्चा को समृद्ध बनाने में सभी योगदान दें।’ उन्होंने कहा कि राज्यसभा का यह 250वां सत्र है और इस बीच 26 नवंबर को संविधान दिवस भी है, जब संविधान 70 साल का हो रहा है।
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में यह आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। हालांकि, विपक्षी दलों ने लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला की हिरासत और उन्हें संसदी की कार्यवाही में हिस्सा लेने की इजाजत देने की मांग की।
सरकार की तरफ से बुलाई गई बैठक में विपक्षी दलों ने आर्थिक मंदी, नौकरी जाने, किसानों की चिंता जैसे मुद्दों पर सत्र के दौरान जरूर चर्चा करने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि 27 दलों की इस सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सबसे बड़ी बात ये हैं कि संसद में चर्चा हो।
सरकार शीतकालीन सत्र में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार : PM मोदी
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